वनमंडल उत्तर कोंडागांव की अवधि 2009-10 से 2018-19 हेतु स्वीकृत कार्य आयोजना के अनुसार प्रवरण सह सुधार कार्यवृत के गठन का उद्देश्य इस कार्यवृत्त के अंतर्गत आने वाले वनों में काष्ठीय एवं अकाष्ठीय वनोपज के सत् वृद्धि तथा उत्पादन हेतु परिपक्व काष्ठीय वृक्षों में निर्धारित प्रतिशत में पातन किया जाना है।
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बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए. क े. दुबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कार्य आयोजना) डॉ. एच. एस. पाबला, मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक, श्री आर. एस. नेगी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, ईको पर्यटन विकास बोर्ड श्रीमती गोपा पाण्डेय सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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विवरण से यह स्पष्ट है कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कार्य आयोजना के अनुसार चरों कक्षों में रिक्त क्षेत्र उपलब्ध नहीं था लेकिन कक्षों में क्रमश: २ ०, २ ०, ५ ० १ ० है क्षेत्र में वृक्षारोपण का कार्य HDPWEP के दिशा निर्देश के विपरीत लिया गया और राशि ४ ५ ९ ००००.
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प्रतिबंध अवधि में स्थानांतरण उचित नहीं, शासन के आदेश पर यथास्थिति माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ के न्यायमूर्ति श्री सतीश अग्निहोत्री जी की एकलपीठ ने वन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश करते हुए सचिव वन विभाग, प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा वन संरक्षक कार्य आयोजना वनमंडल जांजगीर चांपा को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
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राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबन्ध संचालक श्री आर. के. दवे, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यप्राणी) श्री आर. एस. नेगी, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (कार्य आयोजना) डॉ. एस. पाबला, ईको पर्यटन विकास बोर्ड की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गोपा पाण्डेय तथा सचिव वन श्री रतन पुरवार सहित वरिष्ठ वन अधिकारी उपस्थित थे।
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इसी तरह बुधनी जिला सीहोर में पदस्थ परिक्षेत्र अधिकारी बी पी सिंह को अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त भोपाल, श्योपुर वन मंडल के कूनो पालपुर में पदस्थ परिक्षेत्र अधिकारी डीएस चौहान को ईको टूरिज्म बोर्ड मुख्यालय, व खंडवा कार्य आयोजना शाखा में पदस्थ वन क्षेत्रपाल गोपाल सिंह मुवेल को राज्य लघु वनोपज संघ मुख्यालय मे बतौर सहायक वन संरक्षक पदस्थ किया गया है।
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विशेषज्ञ के रूप में श्री ए. प ी. द्विवेदी, भूतपूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. एच. एस. पाबला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्य आयोजना, डॉ. सुरेन्द्र तिवारी, श्री सुहास कुमार, श्री एस. एस. राजपूत, श्री असीम श्रीवास्तव एवं श्री धनश्याम सक्सेना ने उपस्थित होकर वन्यप्राणी प्रबंधन के सभी क्षेत्रों पर अपने विचार व्यक्त करते हुये शंकाओं का समाधान किया।
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HDPWEP (High Density Pulpwood energy Plantaion) रोपण योजना जो विस्तृत दिशा निर्देश के अनुसार प्रत्येक वन मंडल को आबंटित भौतिक लक्ष्य के अन्तर्गत बिगड़े वनक्षेत्र में न्यूनतम १ ० से २ ० हे. रिक्त क्षेत्रों का चयन किया जावे रोपण क्षेत्र केवल Plantation Working Circle एवं RDF Working Circle के अन्तर्गत ही लिया जाना अनिवार्य है जिनमे संबंधित वनमंडल की कार्य आयोजना के प्रावधानों के अनुसार उक्त रोपण किया जावेगा ।
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कार्यालय वन संरक्षक कंकर के पत्र क्रमांक 10019, दिनांक 29-12-2007 द्वारा मांग संख्या 41-24-6 वानिकी और वन्य जीवन (0 1)-सामाजिक और फार्म वानिकी (0 102) अनुसूचित जनजाति क्षेत्र उपयोजना (6724) बांस वनों का पुनरुद्धार योजनान्तर्गत वर्ष 2007-0 8 के लिए उत्तर कोंडागांव वनमंडल की 95.625 हेक्टर क्षेत्र के लिए 6.675 लाख का राशी आबंटन किया गया था एवं यह भी स्पष्ट किया गया था कि कार्य आयोजना में किये गए प्रावधान के अनुसार ही कार्य किया जावे ।