रात को जब कभी भी दस बजे के बाद हमारे घर की काल बेल बजती थी, वह भी लगातार, तब निवेदिता कहती थी, “ देखिये मुग्धा होगी, यह लड़की घंटी न जला दे ” ।
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अब जूही धडकते दिल और आने वाली परिस्थितियों की उधेड़बुन में चलती हुए सादिक भाई के घर तक पहुची, काल बेल बजाते ही असलम ने तुरंत दरवाजा खोला मानो वो उसका इंतजार ही कर रहा हो दरवाजे पर...
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चलो आपकी भी होगी है आप भी समझ जायेंगे जब शाम को दफ्तर से घर आने पर कई बार काल बेल बजाने पर भी दरवाजा नहीं खुलेगा और वेतन के दिन आपको काल बेल बजाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.
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चलो आपकी भी होगी है आप भी समझ जायेंगे जब शाम को दफ्तर से घर आने पर कई बार काल बेल बजाने पर भी दरवाजा नहीं खुलेगा और वेतन के दिन आपको काल बेल बजाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.
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चलो आपकी भी होगी है आप भी समझ जायेंगे जब शाम को दफ्तर से घर आने पर कई बार काल बेल बजाने पर भी दरवाजा नहीं खुलेगा और वेतन के दिन आपको काल बेल बजाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. साधुवाद.
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चलो आपकी भी होगी है आप भी समझ जायेंगे जब शाम को दफ्तर से घर आने पर कई बार काल बेल बजाने पर भी दरवाजा नहीं खुलेगा और वेतन के दिन आपको काल बेल बजाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी. साधुवाद.
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अभी पिछले बीस दिनों पहले उनको कुत्ता ने काट दिया था वो दौड़े हुए आये और मेरे घर का काल बेल दबाये मैंने दरवाजा खोला और कुछ पूछता उसके पहले ही वो बोले मुझे कुत्ता काट लिया है, मै अपनी पत्नी से कहा मुंशी जी को कुत्ता काट लिया है डीटाल लगाकर धो दो और अशोक सिंह को खबर कर दो, ऐसा ही हुआ फिर अशोक सिंह आये और मुंशी जी को अपने गाड़ी में बैठाकर डाक्टर के पास लेकर गए।
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उनकी दिनचर्या में शामिल था सुबह पांच बजे उठ जाना तथा नित्य क्रियावों से निवृत होकर घर का मेन गेट खोलना तथा हाथ में एक छोला लेकर फुल तोड़ने के लिए घर से निकल जाना, फुल तोड़ कर आने के बाद दस बारह भागो में कुड़ी बना कर प्लास्टिक के थैले में रख कर जितने भी किरायेदार थे सभी के दरवाजे पर थैले को टांगना तथा काल बेल को दबाना ताकि घर वाले को यह जानकारी हो जाये कि मुंशी जी फुल का थैला दरवाजे पर टांग दिए है।