| 41. | काल-चक्र को वे भी नहीं रोक सकते, और उसे पीछे ले जाना भी उनके लिये भी ना-मुमकिन है।
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| 42. | इसलिए यद्यपि शरीर नश्वर है, विभिन्न शरीर अनंत काल-चक्र में होने के कारण लीला चालू रहती है...
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| 43. | और यदि एक बार आत्मा काल-चक्र में प्रवेश कर गयी तो उसका कर्म-चक्र से निकलना प्रायः असंभव है...
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| 44. | क्या हमारी यही नियति है कि काल-चक्र के नीचे आकर पिसते रहें? नहीं, ऐसा सोचना अज्ञानता का परिचायक होगा।
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| 45. | काल-चक्र में प्रवेश पा आत्मा को विभिन्न कर्मों को करना ही पड़ेगा, किसी को भी छूट नहीं है:)
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| 46. | प्राचीन भारतीय ज्ञानी भी पहले ही कह गए हैं कि काल-चक्र उल्टा चलता है-सतयुग से घोर कलियुग तक:)
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| 47. | हिन्दू कह गए कि भूत के पैर उलटे, पीछे की ओर होते हैं, अर्थात काल-चक्र उल्टा चलता है...
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| 48. | प्राचीन भारतीय ज्ञानी भी पहले ही कह गए हैं कि काल-चक्र उल्टा चलता है-सतयुग से घोर कलियुग तक:)
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| 49. | काल-चक्र प्रत् येक भौतिक प्रमाण को खा जाता है, चाहे वह पत् थर का बना हुआ ही क् यों न हो।
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| 50. | कल, आज और कल की कड़ियों को जोड़ता समय काल-चक्र की परिधि में एक नियमित गति के साथ आगे बढ़ता है।
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