अपनी इन्हीं इच्छाओं की पूर्ति हेतु मैंने सबसे पहले तुम्हें अपने प्रेमी के रूप में चुना-तुमसे प्रेम किया-अपनी आंखों के माध्यम से तुम्हें निमंत्रण दिया कि तुम मुझे अपनी बाहों में कस लो-अपनी मुस्कान से तुम्हें अपने दिल के सेक्सी भाव समझाने चाहे, किंतु नहीं-तुम नहीं समझे-तुम भोले थे ना-तुम्हें ये भी बता दूं कि इस संबंध में नारी की चाहे कुछ भी अभिलाषा रही हो-वह मुंह से कभी कुछ नहीं कहा करती-उसकी आंखें कहती हैं-उसके संकेत कहते हैं।