मुझे यह जरूरी लगता है कि बाल साहित्य और किशोर साहित्य के बीच भी सुस्पष्ट रेखांकन हो, जिससे अब तक उपेक्षित से रहे किशोरों के लिए अनुकूल साहित्य की समुचित पहचान और संवर्द्धन हो सके।
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इनका ‘ कोसी साहित्य ' http://kosi-sahitya.blogspot.com नाम का ब्लॉग पुस्तक समीक्षा को समर्पित है जिसमें कोसी क्षेत्र के साहित्यकारों की पुस्तकें शामिल हैं साथ ही ‘ किशोर साहित्य ' http://kishoresahitya.blogspot.com भी लोकप्रिय व चर्चित रहा है।
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• 1982: प्रगतिशील लेखक संघ की होशंगाबाद इकाई का संस्थापक सचिव (1982-1984) • 1987: श्री मस्तराम कपूर की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय किशोर साहित्य सम्मेलन में भागीदारी।
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बाल किशोर साहित्य की परंपरा को अक्षुण्ण रखते हुए उसके विकास क्रम को समझा जा सके और उसमें निरंतर गुणात्मक परिवर्धन लाया जा सके, इसके लिए आवश्यक है कि इस साहित्य का समालोचनात्मक पक्ष भी सामने लाएँ।
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यद्यपि हिन्दी में छपनेवाला बाल साहित्य इन तीनों वर्गों के बच्चों को पढ़ने के लिए दिया जाता रहा है, शिशु साहित्य और बाल साहित्य के बीच तो स्पष्ट सीमांकन मौजूद है, परंतु किशोर साहित्य की कोई अलग पहचान नहीं बन पाई है।
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किशोर साहित्य कुछ जग की कुछ मन की कुछ विचार ऐसे भी-केरल पुराण खरिहान चकल्लस चलते-फिरते चला बिहारी ब्लॉगर बनने चार्वाक चिट्ठीजगत चौखट छपन छपाई जंतर-मंतर जय अखंड भारत जय बाबा बनारस...पुरविया. ज़िन्दगी…एक खामोश सफ़र जिंदगी की राहें जीवन: एक संघर्ष (
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प्रकाशित कृतियॉं: किशोर साहित्य की संभावनाऍं(आलोचना, संपादित, 2001), मुक्तिसोपान जलालाबाद(बांग्ला से अनु., ले. सुरेश दे, 2002),चंद्रकिशोर जायसवाल की कहानियॉं(आलोचना, 2003), कथा चयनिका(संपादित कहानी-संग्रह, 2004), कविता कोसी(संपादित कविता-संग्रह, पॉंच खंड, 2007, 2008, 2009), कोसी नदी: परिचय एवं संदर्भ(2009), आगामी पल का निर्माण(ए.जे. थॉमस की अंग्रेजी कविताओं के अनुवाद, 2009)
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कानाशेविच प्रकाशक: प्रगति प्रकाशन, मॉस्को किशोर साहित्य पुस्तकमाला यह किताब लेखक ने अपने बेटे निकीता अलेक्सेयेविच तोलस्तॉय को सस्नेह समर्पित किया है और अंतिम पन्ने पर प्रकाशक का एक संदेश है पाठकों से प्रगति प्रकाशन इस पुस्तक की विषय वस्तु, अनुवाद और डिज़ाईन संबंधी आपके विचारों के लिये आपका अनुगृहित होगा।
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-यह प्रश्न भी मन में उठता है और एक प्रश्न तब भी मन में उठता था जब मैं लिख रहा था और आज उससे भी बड़े रूप में उठ रहा है कि हिन्दी में किशोर साहित्य और एकांकी साहित्य की ओर बाल साहित्यकार उन्मुख क्यों नहीं हो पाये या नहीं हो पा रहे हैं!
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प्रकाशित कृतियॉं: किशोर साहित्य की संभावनाऍं(आलोचना, संपादित, 2001), मुक्तिसोपान जलालाबाद(बांग्ला से अनु., ले. सुरेश दे, 2002),चंद्रकिशोर जायसवाल की कहानियॉं(आलोचना, 2003), कथा चयनिका(संपादित कहानी-संग्रह, 2004), कविता कोसी(संपादित कविता-संग्रह, पॉंच खंड, 2007, 2008, 2009), कोसी नदी: परिचय एवं संदर्भ(2009), आगामी पल का निर्माण(ए.जे. थॉमस की अंग्रेजी कविताओं के अनुवाद, 2009), गीतांजलि के हिन्दी अनुवाद (गीतांजलि के समस्त हिन्दी अनुवादों का तुलनात्मक अध्ययन, 2011)।