| 41. | शेष अलगे किश्त में, बने रहने का सुक्रिया।
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| 42. | पहली नौकरी-पहला प्यार-किश्त 2
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| 43. | समापन किश्त-कम्युनिस्ट पार्टियां और जनतंत्र (4)
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| 44. | दो भाई-पांचवी (समापन) किश्त!
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| 45. | चलिए अब अगली किश्त का इंतजार करते हैं।
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| 46. | अब जाता हूं दूसरी किश्त पढ़ने के लिए
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| 47. | कथ्य की बाबत आखिरी किश्त पढ़ कर बताऊंगा।
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| 48. | अर्थात्, आपको मार्च में किश्त चुकानी है।
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| 49. | डीए की किश्त को लेकर पेंशनर्स वेलफेयर एसो.
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| 50. | यह लेख शृंखला की अंतिम किश्त है ।
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