पर उसके बाद के महीनों में सरकार के आचरण से पता चलता है कि जनता के लिए जानलेवा बनी निरंतर बढ़ती महंगाई से सरकार को जैसे कोई देश वास्तव में गंभीर संकट में है क्योंकि अर्थव्यवस्था की सभी आधारभूत चीजें, चाहे वह सही या गलत किसी ढंग से देश पर थोपी गयी हों, कमजोर हो रही हैं।
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००१ % लोग ही हों और अगर ज्यादा लोग हैं तब भी ना उनकी पसंद पर ध्यान दिया जाता है और नाही किसी ढंग से होनेवाले, सुसंस्कृत प्रयासों पर ही अब कोइ ध्यान दे रहा है या ठोस प्रयास ही कर रहा है-कमेन्ट लंबा हो गया है--मेरा ब्लॉग आज अवश्य देखिएगा-
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उससे उनके समर्थक शिवराज सिंह चौहान को भाजपा की राजनीति का मुख्य चेहरा बनाने की कोशिश मे है वहीं मंत्रियों के खिलाफ जिस सुनियोजित ढंग से खबरें मीडिया के जरिये बाहर आ रही हैं उससे उन मंत्रियो की छवि को क्षति पहुंच रही है जो किसी न किसी ढंग से मुख्यमंत्री के ताज को पहनने के इच्छुक थे।
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०० १ % लोग ही हों और अगर ज्यादा लोग हैं तब भी ना उनकी पसंद पर ध्यान दिया जाता है और नाही किसी ढंग से होनेवाले, सुसंस्कृत प्रयासों पर ही अब कोइ ध्यान दे रहा है या ठोस प्रयास ही कर रहा है-कमेन्ट लंबा हो गया है--मेरा ब्लॉग आज अवश्य देखिएगा-