आटा, दाल, शक्कर की कीमत नियंत्रण मंे न होने पर सरकार को आड़े हाथो लिया जाता है, विरोध व्यक्त किया जाता है, कैरोसिन, कुकिंग गैस और पेट्र्ोल की कीमतो को लेकर आंदोलन किये जाते है, इसी बात पर सरकार का रहना या नही रहना तय किया जाता है लेकिन किताबो की बढ़ती कीमत पर किसी का विरोधी स्वर सुनाई नही देता ।
42.
कर्जमाफी के नाम पर राजनीतिज्ञों ने डिफाल् टर किसानों को इनाम दिया और ईमानदार किसानों को ठेंगा दिखा दिया, आप ने कुछ लिखा? चावल, गेहूं, मक् का आदि की घरेलु बाजार में उपलब् धता सुनिश्चित कर उनकी कीमत नियंत्रण में रखने के लिए सरकार ने उनके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन धान व मक् का के बीज के निर्यात की अनुमति दे दी।