| 41. | कोयल भी कूक उठी तब ही?
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| 42. | कोयल की कूक, काग की वो काँव कहाँ है।
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| 43. | कोयल की कूक में वह मिठास नहीं
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| 44. | दरख्तोंके शामियानेमें कोयलकी कूक शहनाई बन गूंज उठी,
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| 45. | सिर्फ़ बेचैन आत्मा को दिखती…..कोयल की कूक
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| 46. | प्रत्येक पक्षी की कूक, कुत्तों की भौंक,
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| 47. | मीठी कविता बिल्कुल कोयल की कूक जैसी।
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| 48. | कोयल की कूक से गूंजता आसमान!!
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| 49. | गीतों में अँतर के स्वर कूक रहे हैं!
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| 50. | कूक कूक कर केवल बसंत में,
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