| 41. | खरीदना, पहनना और बेचना मुख्य क्रियाओं से क्रमशः कर्मवाचक कृदंत बनेंगे-खरीदा जाने वाला, पहना जाने वाला और बेचा जाने वाला।
|
| 42. | इस प्रकार कृदंत, तद्धित प्रत्ययों के विधान के लिए अष्टाध्यायी के 1,821 अर्थात् आधे से कुछ ही कम सूत्र विनियुक्त हुए हैं।
|
| 43. | इस प्रकार कृदंत, तद्धित प्रत्ययों के विधान के लिए अष्टाध्यायी के 1,821 अर्थात् आधे से कुछ ही कम सूत्र विनियुक्त हुए हैं।
|
| 44. | इस प्रकार कृदंत, तद्धित प्रत्ययों के विधान के लिए अष्टाध्यायी के 1,821 अर्थात् आधे से कुछ ही कम सूत्र विनियुक्त हुए हैं।
|
| 45. | ' खरीदना' से कर्तृवाचक कृदंत बनेगा 'खरीदने वाला', 'मिलना' क्रिया से बनेगा 'मिलने वाला' 'होना' क्रिया से होने वाला 'सूझना' क्रिया से 'सूझाने वाला'।
|
| 46. | सामान्यतः संयोज्य क्रियाओं के साथ मुख्य क्रिया के कृदंत रूप विकारी होते हैं, परन्तु कुछ के साथ अविकारी रूप भी प्रयुक्त होते हैं।
|
| 47. | क्रियापद की मुख्य क्रिया की धातु से बने भूतकृदंत और ' जा' धातु से बने कृर्तवाचक कृदंत के योग से कर्मवाचक कृदंत बनता है।
|
| 48. | क्रियापद की मुख्य क्रिया की धातु से बने भूतकृदंत और ' जा' धातु से बने कृर्तवाचक कृदंत के योग से कर्मवाचक कृदंत बनता है।
|
| 49. | कर्तृवाचक कृदंत (देने वाला) के अनुसार कर्त्ता हुआ-राम (ने), और कर्मवाचक कृदंत (दिया जाने वाला/दी जाने वाली) के अनुसार कर्म हुआ-पुस्तक।
|
| 50. | कर्तृवाचक कृदंत (देने वाला) के अनुसार कर्त्ता हुआ-राम (ने), और कर्मवाचक कृदंत (दिया जाने वाला/दी जाने वाली) के अनुसार कर्म हुआ-पुस्तक।
|