| 41. | ' पर क्रिया रूप में परिणत न होने पर शायद व्यर्थ ही रहता ।
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| 42. | समवायि कारण द्रव्य होता है, परंतु असमवायि कारण गुण या क्रिया रूप होता है।
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| 43. | जिस के अंतिम 10 पेजों में दोनों भाषाओँ के क्रिया रूप दरशाए गए हैं।
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| 44. | क्रिया के व्यापार का समय सूचित करने वाले क्रिया रूप को ' काल' कहते हैं।
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| 45. | आधुनिक हिन्दी में तो शुद्ध क्रिया रूप या क्रिया-साधित रूप कम हो गये हैं।
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| 46. | तजारा का ही क्रिया रूप बना तेजारत (अरबी फारसी में यही रूप प्रचलित है)
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| 47. | देखें पूर्व लेख-हिन्दी के “ है ” के लिए मगही क्रिया रूप ।
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| 48. | समवायि कारण द्रव्य होता है, परंतु असमवायि कारण गुण या क्रिया रूप होता है।
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| 49. | मन पर क्रिया रूप में प्राणों की क्रिया होती है, तब कर्म होता है।
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| 50. | नमनि, नमनीय और यहां तक की नमस्कारना जैसे क्रिया रूप भी इससे बन गए।
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