इसलिए हमारे एक बहादुर पुलिस के देवता जैसे आफिसर अंकित गर्ग ने अपनी जान हथेली पर रख कर उस राक्षसनी सोनी सोरी को दंड दिया जिससे सोनी सोरी के क्रूर कर्म रुक गए और प्रजा शांती से रहने लगी।
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इसलिए हमारे एक बहादुर पुलिस के देवता जैसे आफिसर अंकित गर्ग ने अपनी जान हथेली पर रख कर उस राक्षसनी सोनी सोरी को दंड दिया जिससे सोनी सोरी के क्रूर कर्म रुक गए और प्रजा शांती से रहने लगी।
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जड़ संस्कार और क्रूर कर्म में लिप्त इतने बड़े समूह की जिस प्रहलाद के स्पर्शमात्र से यह गति हुई, परन्तु पिता होते हुए भी हिरण्यकश्यप पर प्रहलाद के सुसंस्कारों,शीर्ष भक्ति का रंचमात्र भी प्रभाव क्यों नही पड़ा.....
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जड़ संस्कार और क्रूर कर्म में लिप्त इतने बड़े समूह की जिस प्रहलाद के स्पर्शमात्र से यह गति हुई, परन्तु पिता होते हुए भी हिरण्यकश्यप पर प्रहलाद के सुसंस्कारों, शीर्ष भक्ति का रंचमात्र भी प्रभाव क्यों नही पड़ा.....
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वाल्मीकि उन्हें प्रारम्भ से ही इस रूप में चित्रित करते हैं कि अपने स्वार्थपूर्ण अधिकार की प्राप्ति के लिए वे स्वभावत: राम को वन भेजने जैसा क्रूर कर्म करने में भी संकोच नहीं करतीं मन्थरा द्वारा प्रेरणा तथा उत्तेजना पाना वस्तुत: प्रासंगिक मात्र है।
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वाल्मीकि उन्हें प्रारम्भ से ही इस रूप में चित्रित करते हैं कि अपने स्वार्थपूर्ण अधिकार की प्राप्ति के लिए वे स्वभावत: राम को वन भेजने जैसा क्रूर कर्म करने में भी संकोच नहीं करतीं मन्थरा द्वारा प्रेरणा तथा उत्तेजना पाना वस्तुत: प्रासंगिक मात्र है।
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रामकथा के प्रारम्भ का आश्रय बनता है व्याध का क्रूर कर्म तो कृष्ण कथा का अंत बनता है व्याध का तीर! पहले में बस करुणा के आश्रय भर से काम चल जाता है तो दूसरे में साक्षात हरि ही व्याध के शिकार बनते हैं (भले अनजाने ही सही)।
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' देवर्षि नारद ने कहा-' मेरे पास इस वीणा और वस्त्र के अतिरिक्त है ही क्या? तुम लेना चाहो तो इन्हें ले सकते हो, लेकिन तुम यह क्रूर कर्म करके भयंकर पाप क्यों करते हो? देवर्षि की कोमल वाणी सुनकर वाल्मीकि का कठोर हृदय कुछ द्रवित हुआ।
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रामकथा के प्रारम्भ का आश्रय बनता है व्याध का क्रूर कर्म तो कृष्ण कथा का अंत बनता है व्याध का तीर! पहले में बस करुणा के आश्रय भर से काम चल जाता है तो दूसरे में साक्षात हरि ही व्याध के शिकार बनते हैं (भले अनजाने ही सही) ।
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एक अबोध बालिका जो शायद इस जघन्य, क्रूर कर्म बलात्कार के शब्दार्थ को समझती भी नहीं, कोई वहशी, विकृत मानसिकता वाला पापी, कदाचारी उसका जीवन नष्ट कर दे तो क्या होगा उसका भविष्य?, बलात्कार ऐसा निकृष्ट दुष्कर्म, है, जो हैवानियत की पराकाष्ठा है.