देशहित बलिदान का सन्धान वन्दे मातरम् हृदय में जिनके भरा परतन्त्रता का रोष था क्लान्ति का ही कोश था, मन में समाहित रोष था ।
42.
अब समझ में आया है कि हमारे आसपास क्यों है इतनी अशान्ति श्रान्ति और क्लान्ति और कि, क्यों तुम्हें अतुलनीय कहा जाता है माँ ।
43.
इनके दिन भर के कठोर श्रम का परिहार लगता है इसी से हो जाता है-चेहरों पर क्लान्ति के बजाय स्निग्ध शान्ति छा जाती है!
44.
दिल, साँझ, शम, कमरा, क्लान्ति एक ही हिलोर डोरे तोड़ सभी अपनी ही लय में बहाएगी: फूल मुक्त, धरा बंध जायेगी।
45.
मार्ग की क्लान्ति को मिटाकर भरत गुरु वशिष्ठ के पासे जाकर बोले, ” गुरुदेव! यह तो आप जानते ही हैं कि अयोध्या के वास्तविक नरेश राम हैं।
46.
बार-बार होने वाले साइनस एवं कानों के संक्रमण, मेरुदंड की क्षतियों, लम्बे समय से चली आ रही क्लान्ति की दशाओं इत्यादि में काफ़ी सुधार ला सकने में सक्षम है.
47.
बार-बार होने वाले साइनस एवं कानों के संक्रमण, मेरुदंड की क्षतियों, लम्बे समय से चली आ रही क्लान्ति की दशाओं इत्यादि में काफ़ी सुधार ला सकने में सक्षम है.
48.
मन को तृप्त करना, हृदय को निरोगी रखना, भ्रम रोग को दूर करना, क्लान्ति तथा शरीर के विभिन्न दोषों व विकारों को दूर करना पानी का कार्य है।
49.
शुरू हुई आराध्य-भुमि यह, क्लान्ति नहीं रे राही ; और नहीं तो पाँव लगे हैं क्यों पड़ने दगमग से? बाकी होश तभी तक जब तक जलता तूर नहीं है ;
50.
याद रह जाएगी कोई एक कविता अपना आख़िरी दिनों का उदास चेहरा उपहास करते दरख़्तों का दिन-रात उगना जड़ों की शिराएँ तुम्हारे काँपते पैरों से धरती के मर्मस्थल तक आजीवन क्लान्ति के क्लेश पहुँचाती हुईं