कुछ समुद्री घोंघे अपने आहार के माध्यम से शैवाल आदि पौधों को ग्रहण करते हैं तथा इनमें मौजूद क्लोरोप्लास्ट का प्रयोग प्रकाश-संश्लेषण के लिए करते हैं।
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कुछ समुद्री घोंघे अपने आहार के माध्यम से शैवाल आदि पौधों को ग्रहण करते हैं तथा इनमें मौजूद क्लोरोप्लास्ट का प्रयोग प्रकाश-संश्लेषण के लिए करते हैं।
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यह शायद एक प्रोकेरियोट था, जिसमें कोशिकीय झिल्ली तथा कुछ राइबोजोम थे, लेकिन उसमें कोई जैव-भाग-जैसे माइटोकोंड्रिया या क्लोरोप्लास्ट मौजूद नहीं थे |
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यह क्रिया विशेषतः पत्तियों के मीसोफिल ऊतक में होती है क्योंकि पत्तियों के मीसोफिल उतक की पेरेन्काइमा कोशिकाओं में अन्य कोशिकाओं की उपेक्षा क्लोरोप्लास्ट की मात्रा अधिक होती है।
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इसके बाद इलेक्ट्रान साइटोक्रोम b6f काम्प्लेक्स की ओर बहते हैं, जो उनकी ऊर्जा का प्रयोग क्लोरोप्लास्ट की थायलकायड झिल्ली के पार प्रोटानों को पम्प करने के लिये करते हैं.
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यह क्रिया विशेषतः पत्तियों के मीसोफिल ऊतक में होती है क्योंकि पत्तियों के मीसोफिल उतक की पेरेन्काइमा कोशिकाओं में अन्य कोशिकाओं की उपेक्षा क्लोरोप्लास्ट की मात्रा अधिक होती है।
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यह क्रिया विशेषतः पत्तियों के मीसोफिल ऊतक में होती है क्योंकि पत्तियों के मीसोफिल उतक की पेरेन्काइमा कोशिकाओं में अन्य कोशिकाओं की उपेक्षा क्लोरोप्लास्ट की मात्रा अधिक होती है।
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इसके बाद इलेक्ट्रान साइटोक्रोम b 6 f काम्प्लेक्स की ओर बहते हैं, जो उनकी ऊर्जा का प्रयोग क्लोरोप्लास्ट की थायलकायड झिल्ली के पार प्रोटानों को पम्प करने के लिये करते हैं.
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यह शायद एक प्रोकेरियोट (Prokaryote) था, जिसमें कोशिकीय झिल्ली तथा संभवतः कुछ राइबोज़ोम थे, लेकिन उसमें कोई केंद्र या झिल्ली से बंधा हुए कोई जैव-भाग (Organelles) जैसे माइटोकांड्रिया या क्लोरोप्लास्ट मौजूद नहीं थे.
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लेक्टम एंटीबायोटिक्स की तरह, पेनिसिलिन न केवल सायनोबैक्टीरिया के भाग को अवरुद्ध करती है, वल्कि साइनेल के भाग, ग्लाउकोफाइट्स के प्रकाश-संश्लेषक कोशिकांग, तथा ब्रायोफाइट्स के क्लोरोप्लास्ट के भाग को भी अवरुद्ध कर देती है.