इसी समय मुरलीवाले का क्षीण स्वर दूसरी निकट की गली से सुनाई पड़ा-“ बच्चों को बहलानेवाला, मुरलियावाला! ”
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वायु से शिवालय का आधा हिलता हुआ टूटा द्वार बीच-बीच में बहुत ही क्षीण स्वर में धीरे-धीरे खुलने और बन्द होने लगा।
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चम्पतराय-(क्षीण स्वर में) काल, मैं नहीं चाहता कि मेरा सिर जीते जी औरंगजेब की मसनद के आगे झुके।
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तभी क्षीण स्वर में सागर जी महाराजसा ने पुकारा, सुऽऽम कुछ अस्पष्ट शब्द बिखरे और सुमेधा का हृदय बुरी तरह धडक़ गया।
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कहीं आँपरेशन के बीच वह मर गई तो? कहीं भइया न रहे तो? पर भइया ने क्षीण स्वर में जैसे ही उसे पुकारा,
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एक क्षीण स्वर उभरा और सब कुछ ध्वस्त कर गया, '' लो सुऽऽममेधा अब तो जीत लिय ना मैं ऽऽ उबर आया न, काऽऽमनाओं से।
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मैने अचकचा कर कहा-यह क्या माते? क्षीण स्वर में सकुचाते हुये बोलीं, ” जा मेरे लाल जा मेरे सपूत आज मेला घूम आना ।
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भोंदू ने क्षीण स्वर में कहा, ' तू इतना भीग रही है, कहीं बीमार पड़ गयी, तो कोई एक घूँट पानी देनेवाला भी न रहेगा।
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चम्पतराय-(उसी तरह क्षीण स्वर में) भाला चलाते हुए तुम्हारे हाथ काँपेंगे तो नहीं?कालकुमरि-हमारे विवाह से पहले एक बार दाऊ साहब इन्द्रमणी का मुहीउद्दीन से युद्ध चल रहा था।
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' ' दरोगा ने झल्लाकर कहा, '' पर तू है कौन? '' गदल ने और भी क्षीण स्वर से कहा, '' जो एक दिन अकेला न रह सका, उसी की।