गौरतलब है कि काफी ज़द्दोज़हद के बाद भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने नियमगिरि में खनिज उत्खनन को ‘ ना ' कर दिया है, जिसके बाद से नियमगिरि की रक्षा के लिए लम्बे समय से लड़ाई लड़ रहे काफी लोग राहत महसूस कर रहे हैं.
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सूत्र के अनुसार केंद्र सरकार की नई नीति लागू होने के बाद राज्य सरकार की इस नीति को झटका लगेगा, जिसके तहत केवल उन्हीं कंपनियों को लीज पर खनिज उत्खनन का अधिकार दिया जाता था, जो राज्य में अतिरिक्त मूल्य लगाने के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर करती थी।
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औद्योगीकरण, शहरीकरण, बाँध, खनिज उत्खनन और अब सेज़ जैसे पैमानों पर विकास की सीढ़ियों पर नित नए मोकाम पाने वाले हमारे देश में इस विकास के राक्षस ने कितना हाहाकार मचाया है, यह शहर में आराम की ज़िंदगी जी रहे अमीर या मध्यवर्गीय लोगों के कल्पना से परे है, पर देश में अमीरी और ग़रीबी के बीच बढ़ता दायरा इस विभत्स स्थिति की असलियत चीख़-चीख़ कर बयान करता है।
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औद्योगीकरण, शहरीकरण, बाँध, खनिज उत्खनन और अब सेज़ जैसे पैमानों पर विकास की सीढ़ियों पर नित नए मोकाम पाने वाले हमारे देश में इस विकास के राक्षस ने कितना हाहाकार मचाया है, यह शहर में आराम की ज़िंदगी जी रहे अमीर या मध्यवर्गीय लोगों के कल्पना से परे है, पर देश में अमीरी और ग़रीबी के बीच बढ़ता दायरा इस विभत्स स्थिति की असलियत चीख़-चीख़ कर बयान करता है।
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बतौर युवराज वो बिना शर्त भाजपा में शामिल हुए है और जब जो जिम्मेदारी सौपी जाएगी वो उसका निर्वाहन करेगे राजनीतिक गणितज्ञों की माने तो दिव्यराज के भाजपा में शामिल होने के कई कारण है जिसमे पहला: सिरमौर से विधानसभा का टिकट मिलना भी हो सकता है दूसरा: रीवा के वर्तमान विधायक व सूबे के उर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के ऊपर खनिज उत्खनन व आंतरन के कई मामले चल रहे है।
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औद्योगीकरण, शहरीकरण, बाँध, खनिज उत्खनन और अब सेज़ जैसे पैमानों पर विकास की सीढ़ियों पर नित नए मोकाम पाने वाले हमारे देश में इस विकास के राक्षस ने कितना हाहाकार मचाया है, यह शहर में आराम की ज़िंदगी जी रहे अमीर या मध्यवर्गीय लोगों के कल्पना से परे है, पर देश में अमीरी और ग़रीबी के बीच बढ़ता दायरा इस विभत्स स्थिति की असलियत चीख़-चीख़ कर बयान करता है।