| 41. | कि हमारी दुनिया ही ख़ाक हुई जाती है
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| 42. | अनेक संधी, समझौते देखे, मगर असर ख़ाक हुआ
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| 43. | (रहने दे मुझको अपने क़दमों की ख़ाक बनकर)-२
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| 44. | ख़ाक हैँ जो कल आग रहे हैँ.
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| 45. | कितने अरमानों को करके ख़ाक बना पाया प्याला!
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| 46. | घिसता है ज़बीं ख़ाक पे दरिया मेरे आगे।
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| 47. | आशियाँ अपना भला क्यूँकर न करता ख़ाक मैं,
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| 48. | उस ख़ाक से ये ख़ाकबसर३ कितनी दूर हैं
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| 49. | बस रह गया कुरेदना यादों की ख़ाक को
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| 50. | हड़्ड़ियां अपने बुज़ुर्गों की तेरी ख़ाक में हैं,
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