| 41. | ऐसी सिद्धि छोड़ि मन मूरख काहे ठोकर खात ।।
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| 42. | तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान।
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| 43. | जो बकरी को खात है तिनकौ कौन हवाल ।।
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| 44. | १५३. करत में डाँड़ टू खात में नीक लागे।
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| 45. | जो बकरी खात है, तिनका कौन हवाल।।
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| 46. | कार्यकर्ता मन चुनाव प्रचार खात पीयत करत रहय ।
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| 47. | १५३. करत में डाँड़ टू खात में नीक लागे।
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| 48. | बकरी पाती खात है ताकी काढ़ी खाल।
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| 49. | तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान।
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| 50. | अजीमगंज दादाबाडी में खात मुहूर्त व शिलान्यास भाग २
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