| 41. | भील, भिलाला, पावरा, वारली, मीणा यह भिलोरी भाषा बोलने वाले भीलवाड़ा एवं मच्छ गणराज्यों के गण्ड तथा गोंड है.
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| 42. | ज्योतिषियों के मुताबिक सुबह साढ़े सात से नौ बजे तक राहु काल है और साढ़े दस से दोपहर बारह बजे यम गण्ड है.
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| 43. | इसलिए इन वारों में पड़ने वाले मूल या गण्ड नक्षत्रों का प्रभाव-दुष्प्रभाव अन्य दिनों की तुलना में पड़ने वाले वारों से अधिक कष्टकारी होता है।
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| 44. | उक्त तीन गण्ड नक्षत्र अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती का स्वामी ग्रह बुध और मघा, मूल तथा अश्विनि तीन मूल नक्षत्रों का स्वामी केतु है।
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| 45. | अशुभ योग हैं: 1. विष्कुम्भ 2. अतिगण्ड 3. शूल 4. गण्ड 5. व्याघात 6. वज्र 7. व्यतीपात 8.
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| 46. | की जैसे किसी गंज्जे आदमी का सर, उसकी गण्ड ऐसी उठी थी की जैसे हिमालय के दो विशाल पर्वत, जब मैंने उसे पहली बार देखा
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| 47. | पराशर महोदय के अनुसार तिथि गण्ड में बैल का दान, नक्षत्र गण्ड में गाय का दान और लग्न गण्ड में स्वर्ण का दान करने से दोष मिटता है।
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| 48. | पराशर महोदय के अनुसार तिथि गण्ड में बैल का दान, नक्षत्र गण्ड में गाय का दान और लग्न गण्ड में स्वर्ण का दान करने से दोष मिटता है।
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| 49. | पराशर महोदय के अनुसार तिथि गण्ड में बैल का दान, नक्षत्र गण्ड में गाय का दान और लग्न गण्ड में स्वर्ण का दान करने से दोष मिटता है।
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| 50. | जन्म काल से नवें अथवा सत्ताइसवें दिन जब इन नक्षत्रों की पुनः आवृति होती है तब मूल और गण्ड नक्षत्रों के निमित्त शांति पाठों का विधान प्रायः चलन में है।
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