हम अपने हिन्दू भाई-बहन को अपमानित या जानमाल का नुसान पहुंचाने के लिए विधर्मियों द्वारा किए जा रहे हमले को खुद पर हमला समझें व उन विधर्मियों को ठिकाने लगाने के लिए जो भी जरूरी हो वो कर्म करें… राजीब गांधी कत्ल वनाम संसद भवन हमला… बैसे तो अबदुल्ला परिबार की गद्दारी से हर देशभक्त परिचित है।
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क्रूर पापी देशद्रोहियों के बाजू बढ़ रहे सह रही अत्याचार माटी मेरे देश की काल सम झेलती है देखो आज दिन रात बम गोली तलवार माटी मेरे देश की अपनों की गद्दारी से हुई बेबसी में सुनो युगों युगों से शिकार माटी मेरे देश की शूरवीरों आगे आओ दुःख धरा का मिटाओ आज करती पुकार माटी मेरे देश की
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देश के विभाजन के वक्त मुसलमानों द्वारा देश के साथ की गई गद्दारी से शर्मसार होकर अपना नाम बदलने वाले दिलीप कुमार उर्फ युसुफ खाँ की असलिएत तब सामने आती है जब वो सेकुलर गिरोह को फायदा पहुंचाने के लिए हिन्दुओं पर मुस्लिम जिहादियों द्वारा ढाये जा रहे जुल्मों का विरोध करने वाले हिन्दुओं व उनके संगठनों को अपशब्द कहता है ।
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अब ऐसा कैसे हो सकता है कि अन्तराष्ट्रीय इस्लामिक आतंकवादी ओसामाविन लादेन को ‘ ' जी' व देशभक्त अन्दोलन के प्राण स्वामी रामदेव जी को ‘'ठग' कहने वाली लुटेरों और गद्दारों की सरकार, जनरल वी के सिंह जैसे प्रखर देशभक्त को सेनाध्यक्ष जैसे ताकतवर पद पर रहने दे-क्या पता कब जनरल सरकार की गद्दारी से तंग आकर गद्दार राजनीतिज्ञों को अपने देशभक्त सैनिकों के हाथों उनके किए की सजा दिलवा दें…
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कभी कहते हो भगवान राम हुए ही नहीं फिर कहते हो राम सेतु भगवान राम ने ही तोड़ दिया इतनी गद्दारी से मन नहीं भरता तो एक तरफ हिन्दुओं को हलाल करने वालों को बचाने के लिए पोटा हटाते हो और माननीय सर्वोच्चन्यायलय से सजा प्राप्त जिहादी को फाँसी देने के बजाए पालते हो लोकतन्त्र के मन्दिर पर हमला करवाने वाले जिहादी प्रोफैसर को बचाने के लिए गद्दार परजीवी लेखकों व देशद्रोही मानवाधिकार संगठनों के द्वारा मोमबती जलाओ अभियान चलाते हो ।
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वह युद्ध की दिशा को भारत के पक्ष में करने के लिए रॉ के उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर ' एल टी एफ ' के मुखिया अन्ना भास्करन से संबंध स्थापित करता है लेकिन बीच में उसकी गुप्त योजना उसीके एक अधिकारी की गद्दारी से अन्ना भास्करन के विरोधी दल को मालूम हो जाती है जिससे विक्रम सिंह के प्रयास व्यर्थ हो जाते हैं, उसके रॉ के जासूस होने का पता एल टी एफ को पता चल जाता है और उस पर जानलेवा हमला होता है ।
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यह एक तरह से न्यायपालिका द्वारा इस बात का स्वीकार है कि आजाद और पाण्डेय की आन्धा्र पुलिस द्वारा की गयी हत्या ग़ैर-कानूनी थी और यह मुठभेड़ फर्जी थी।... आगे पढ़ें... सीटू की गद्दारी से आई.ई.डी. के मजदूरों की हड़ताल नाकामयाब: मजदूरों को कानूनी विभ्रमों और विजातीय प्रवृत्तियों से छुटकारा पाना होगा पिछले अंक में हमने इण्टरनेशनल इलेक्ट्रॉन डिवाइसेज, नोएडा के कारख़ाने में मजदूरों की स्थिति पर रपट में बताया था कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान मालिकों और प्रबन्धान के कारण वहाँ करीब 300 मजदूर अपने हाथ की उँगलियाँ कटवाकर अपंग हो चुके हैं।