उन्होंने कहा कि किन्नू, मालटा और संतरे के बी-ग्रेड का प्रापण मूल्य 6.50 रुपये प्रति किलोग्राम, सी-ग्रेड का 6 रुपये प्रति किलोग्राम तथा गलगल का 5 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है।
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चुख बनाने की विधि चंबा चुख बनाने के लिए सूखी लाल मिर्च, गलगल का रस, जीरा, मीठी सौंफ, अजवाइन नमक, अदरक, कद्दूकस की गई सूखी मूली का इस्तेमाल होता है।
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वास्तव में चंबा के हर घर में गलगल हुआ करते थे, उस जमाने में वहीं पर हर घर के किन गार्डन में मिर्चें भी लगाई जाती थी, बस उसी से इजाद हुई थी चंबा चुख।
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खैर, सामान में क् या निकला-वड़ियां शायद घर की बनी हुईं, मक् की का आटा, चुख माने गलगल (बड़े नींबू) की काढ़ी हुई खटाई और उनके लिए सलवार कमीज का कपड़ा।
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ग्राम हींग: चुटकी भर सरसों का तेल: २०० ग्राम चीनी: २०० ग्राम विधि: गलगल को अच्छी तरह से धोकर पोंछिये | उसके बाद एक बड़े से बर्तन में नमक डाल कर गलगल के छोटे छोटे तुकडे काट कर डालें|
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ग्राम हींग: चुटकी भर सरसों का तेल: २०० ग्राम चीनी: २०० ग्राम विधि: गलगल को अच्छी तरह से धोकर पोंछिये | उसके बाद एक बड़े से बर्तन में नमक डाल कर गलगल के छोटे छोटे तुकडे काट कर डालें|
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शिमला, 29 नवम्बर. न्यूज आज. हिमाचल प्रदेश में नींबू प्रजाति के फलों, किन्नू, संतरा, मालटा एवं गलगल की खरीद के लिए वर्ष 2012-13 के लिए मण्डी मध्यस्थता योजना (एमआईएस) को कार्यान्वित किया जा रहा है।
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चीड़, साल, गलगल, किम्म (आजकल के किन्नुयों जैसा फल), आड़ू, हरड़, औले और अनगिनत किस्म की झाड़ियाँ और जड़ी-बूटियों की हरियाली और प्राकृतिक दृश्यों ने मानो मेरी आँखों को मुझे लौट आने के लिए खुला निमंत्रण दिया हो।
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मुझे याद है कि एक बार जब मैं तपा गया, गलगलों का बड़ा बोरा पूरा भरकर ले गया था, पर इस काम को घर में मेरी कम-अक्ली समझा गया, क्योंकि गलगल तपा मंडी में आम मिल जाती थी और थी भी बहुत सस्ती।
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उन्होंने कहा कि ‘ बी ' श्रेणी के किन्नू, मालटा एवं संतरा का प्रापण मूल्य 6 रुपये प्रति किलोग्राम तथा ‘ सी ' श्रेणी के लिए 5.50 रुपये प्रति किलोग्राम होगा, जबकि गलगल के लिए प्रापण मूल्य 4.50 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है।