| 41. | इस विधि से खेती करने से खाद, पानी तथा निराई गुडाई पर कम खर्च आता है तथा पैदावार भी अधिक प्राप्त होती है।
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| 42. | बुंदेलखंड (bundelkhand) में भूमि को पुराने लकड़ी के हलों द्वारा भूमि की गुडाई सी जुताई कर खेती की जाती रही है।
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| 43. | प्रथम निराई गुडाई बुवाई के १ ५ से २ ० दिनों के बाद दूसरी निराई गुडाई ३ ० से ३ ५ दिनों बाद करें।
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| 44. | प्रथम निराई गुडाई बुवाई के १ ५ से २ ० दिनों के बाद दूसरी निराई गुडाई ३ ० से ३ ५ दिनों बाद करें।
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| 45. | उपरोक्त भूमि को जोतने के लिए ५ करोड़ बैल जोड़ीयों की आवश्यकता खेती, सिचाई, गुडाई परिवहन, भारवहन, के लिए है.
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| 46. | भ्रमण कार्यक्रम में किसानों के पर्यटकों को दही बिलोना, दूध निकलना, रोटी बनाना, सूट काटना, दरी बुनाई, फसल कटाई, निराई व गुडाई दिखाई जाती है.
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| 47. | गुडाई करके देखती कि, मिट्टी तो ठीक है...उनकी जगह बदल देती...गमलोंके नीचे गर पानी नही सूखता तोभी बीमारी आही जाती है...जड़ें सड़ने लगती हैं...
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| 48. | निराई गुडाई करते समय पौधे की थिनिंग (विरलीकरण) करके उनकी आपस की दूरी १ ० से १ २ से मी. कर ले।
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| 49. | निंदाई-गुडाई बोनी के 15-20 दिन पश्चात पहली निंदाई करना चाहिये तथा इसी समय आवश्यकता से अधिक पौधों को खेत से निकालना चाहिये।
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| 50. | बुवाई के बाद तीसरे या चौथे सप्ताह में पहली निराई गुडाई तथा आवश्यकतानुसार दूसरी निराई बुवाई के ४ ०-५ ० दिन बाद करनी चाहियें।
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