| 41. | इस दौरान आप महसूस करेंगे कि उसके गुदाद्वार की नसें ढीली हो चुकी होती हैं.
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| 42. | लिंग, गुदाद्वार या अंडकोष को हल्के से पकड़ते हुए कण्डोम को धीरे धीरे लिंग पर चढ़ाएँ।
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| 43. | परिणामतः गुदाद्वार की त्रिवली की नसें फूलकर बड़ी और मोटी हो जाती हैं जो ठीक मुनक्का,
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| 44. | दस्त के समय में मल के साथ ऐसा स्राव निकलता है जिससे गुदाद्वार झुलस जाती है।
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| 45. | * जो व्यक्ति स्वप्न में गुदाद्वार से पानी पीता है उसे धन की प्राप्ति होती है।
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| 46. | श्वास बाहर निकालकर गुदाद्वार का संकोचन विस्तरण (अश्विनी मुद्रा) करने को स्थलबस्ति कहते हैं।
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| 47. | बाहरी बवासीर में गुदाद्वार के बाहर की ओर के मस्से मोटे-मोटे दानों जैसे हो जाते हैं।
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| 48. | पेरिनियम (Perineum) योनि और गुदाद्वार के बीच की त्वचा का हिस्सा पेरिनियम कहलाता है.
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| 49. | बवासीर होने पर गुदाद्वार के पास पानी लगने की तरह तथा खाल उधड़ने की तरह जलन होना।
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| 50. | इस प्रकार पहले दाहिने पैर मोड़कर, एड़ी गुदाद्वार के नीचे दबाकर दूसरी तरफ का आसन भी करें।
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