इसके अतिरिक्त अष्टम भाव से आयु निर्णय, मृत्यु का कारण, दुर्गम स्थान में निवास, संकट, पूर्वाजित धन का नष्ट होना, किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का प्राप्त होना, पूर्वजों से प्राप्त संपत्ति, मन की पीड़ा, मानसिक क्लेश, मृत्यु का कष्टपूर्वक होना, गुप्त विद्या व पारंपरिक विद्याओं में निपुणता, अचानक धनप्राप्ति, लम्बी यात्राएं, विदेश में जाकर नौकरी करना, गड़े खजाने की प्राप्ति, कुएं आदि स्थानों में गिरने से मृत्यु आदि का भी विचार किया जाता है।