पहला, पूर्वी एशिया के भावी युद्ध के लिए भारत से मदद निचोड़ना ; और दूसरा, भारत को ब्रिटिश साम्राज्य का घरेलू मामला बनाने के लिए भारतीय लोगों के साथ एक समझौता करना।
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पंचशील समझौते की बेड़ियों ने जब चीनी को हमला करने से नहीं रोका तो हम कब तक तिब्बत को उसका घरेलू मामला मानते रहेंगे. दिल्ली और वॉकिंग डिस्टेंस.... दिल्ली. नई दिल्ली तो कागज पर ही लिखते हैं.
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इस इक्कीसवीं सदी में भी स्त्री के हिस्से में “वस्तु” होना ही आ पाया? भारत सरकार कहेगी कि यह पाकिस्तान का घरेलू मामला है....सारी इंसानियत और कानून केवल और केवल वोटों के ज़ख़ीरे पे आकर अट्क जाते हैं।
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जिन अध्यक्षों और कार्यकारिणी के फैसलों पर देश के करोड़ों लोगों के भाग्य का फैसला निर्भर करता हो क्या वह सचमुच मामूली घरेलू मामला हो सकता है, अगर भारतीय राजनीति और उसके पुरोधा ऐसा मानते हैं तो उसका भगवान ही मालिक है।
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कांगे्रस के जिस चिंतन शिविर में परसों राहुल गांधी को एक औपचारिक ताजपोशी हुई है, वह वैसे तो कांगे्रस का घरेलू मामला था और है, लेकिन जब पूरा देश उसका जीवंत प्रसारण देख रहा है तो इस मौके का एक सार्वजनिक पहलू भी है।
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जब तक हम ऐसा करते रहेंगे, भारत एक अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दा बना रहेगा-बशर्ते कि घर के लोग ब्रिटिश साम्राज्यवाद के साथ समझौता करके हमें नीचा देखने के लिए बाध्य न करे! समझौता कर लेने से भारत का मुद्दा ब्रिटिश साम्राज्यवाद का एक घरेलू मामला बन जायेगा।
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भारत ने यद्यपि यह स्वीकार किया कि मालदीव सरकार का माले हवाईअड्डा निर्माण से जुड़ा जीएमआर एयरपोर्ट का अनुबंध रद्द करने का निर्णय घरेलू मामला है तथापि वह इस बात से चिंतित है कि इस बहाने कहीं भारत विरोधी रुख को तो हवा नहीं दी जा रही है?
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बहरहाल ये उनका घरेलू मामला है, मैं इसमें क्या कहूं, लेकिन हां अगर राहुल के हाथ में सरकार की कमान आती है तो देश का दुर्भाग्य ही होगा, क्योंकि मेरा मानना है कि राहुल गांधी से बेहतर है कि जिस दलित के यहां भोजन कर राहुल कुर्सी पाने की कोशिश कर रहे हैं, उस दलित को ही कुर्सी सौंप दी जाए।
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अभी तक तो देश में जो कुछ हो रहा था वह हमारा घरेलू मामला था! नेताओं और प्रशासन की मिलीभगत से अस्तित्व में आये भ्रष्टाचार, विश्वासघात, बेईमानी, अनुभवहीनता और अकर्मण्यता का कड़वा स्वाद अभी तक तो देशवासी ही चख रहे थे कॉमन वेल्थ गेम्स की मेजबानी का दायित्व अपने ऊपर लेकर उन्होंने सारे विश्व में अपनी ‘ शोहरत ' का परचम खूब ऊँचा लहरा दिया है!