यह मान भी लिया जाए कि राष्ट्रीय आय में दोगुना बढ़ोत्तरी होगी, अतिरिक्त नगदी शेष की मांग के लिए मुद्रा आपूर्ति के 50-60 प्रतिशत तक की घाटे की वित्त व्यवस्था को जायज नहीं कहा जा सकता।
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मेरे साथी मानते हैं कि 200 करोड़ रुपए की दर से एक वर्ष की घाटे की वित्त व्यवस्था सुरक्षित और अनिवार्य भी है और पांच साल के कालखंड के लिए वे इसे 1000 करोड़ रुपए रखेंगे।
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मेरे साथी मानते हैं कि 200 करोड़ रुपए की दर से एक वर्ष की घाटे की वित्त व्यवस्था सुरक्षित और अनिवार्य भी है और पांच साल के कालखंड के लिए वे इसे 1000 करोड़ रुपए रखेंगे।
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से खरीद, जिसका कोई मौद्रिक प्रभाव नहीं पड़ा था और रिजर्व बैंक और अन्य व्यावसायिक बैंकों की सार्वजनिक ऋण के आकार में परिवर्तन को छोड़कर, घाटे की वित्त व्यवस्था का आकार औसतन 50 करोड़ रुपए प्रति वर्ष था।
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यह वाकई काफी महत्वपूर्ण लगेगा कि थोड़ी सी घाटे की वित्त व्यवस्था के बाबजूद 1951-52 तक कीमतों में लगातार वृद्धि होती चली गई और इस कालखंड की शुरुआत की तुलना में कालखंड के अंत तक 29 प्रतिशत ज्यादा थीं।
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यह मान भी लिया जाए कि राष्ट्रीय आय में दोगुना बढ़ोत्तरी होगी, अतिरिक्त नगदी शेष की मांग के लिए मुद्रा आपूर्ति के 50-60 प्रतिशत तक की घाटे की वित्त व्यवस्था को जायज नहीं कहा जा सकता।
47.
इस राशि में से कितना हिस्सा घाटे की वित्त व्यवस्था से और कितना साख निर्माण से आएगा, इस बात का फैसला सार्वजनिक क्षेत्र के नगदी शेष वास्तविक संसाधन के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में विभाजन के अनुपात पर निर्भर होगा।
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बर्नस्टीन फंड मिशन के अनुमान के मुताबिक पहली पंचवर्षीय योजना के पहले तीन वर्षों के लिए बैंक प्रणाली द्वारा हर वर्ष लगभग 33-1 / 3 करोड़ रुपए की घाटे की वित्त व्यवस्था और साख निर्माण की जरुरत होगी।
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इस राशि में से कितना हिस्सा घाटे की वित्त व्यवस्था से और कितना साख निर्माण से आएगा, इस बात का फैसला सार्वजनिक क्षेत्र के नगदी शेष वास्तविक संसाधन के सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में विभाजन के अनुपात पर निर्भर होगा।
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यह वाकई काफी महत्वपूर्ण लगेगा कि थोड़ी सी घाटे की वित्त व्यवस्था के बाबजूद 1951-52 तक कीमतों में लगातार वृद्धि होती चली गई और इस कालखंड की शुरुआत की तुलना में कालखंड के अंत तक 29 प्रतिशत ज्यादा थीं।