| 41. | सूर्य अपनी अक्ष पे भी घूर्णन गति करता है साथ ही साथ एक और प्रकार की गति करता है।
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| 42. | पिस्टन की यह प्रत्यागामी गति अन्तत: क्रैंक एवं क्रैंक-शाफ्ट की सहायता से घूर्णन गति में बदल दी जाती है।
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| 43. | अगर यह सूरज के पास होती तो ज्वारीय बलों (Tidal Forces) के कारण इसकी घूर्णन गति समाप्त हो जाती।
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| 44. | पिस्टन की यह प्रत्यागामी गति अन्तत: क्रैंक एवं क्रैंक-शाफ्ट की सहायता से घूर्णन गति में बदल दी जाती है।
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| 45. | मरुस्थल की भूमिकापृथ्वी के घूर्णन गति के कारण ये हवाएं सामान्यत दक्षिणी-पश्चिमी हो जाती हैं, जिन्हें मानसून कहा जाता है।
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| 46. | मरुस्थल की भूमिकापृथ्वी के घूर्णन गति के कारण ये हवाएं सामान्यत दक्षिणी-पश्चिमी हो जाती हैं, जिन्हें मानसून कहा जाता है।
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| 47. | अगर यह सूर्य के पास होती तो ज्वारीय बलों (Tidal Forces) के कारण इसकी घूर्णन गति समाप्त हो जाती।
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| 48. | ' सौर समय' और 'नक्षत्र समय' दोनो ही पृथ्वी की अपनी ध्रुवीय अक्ष पर घूर्णन गति की नियमितता (regularity) पर आधारित हैं।
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| 49. | श्याम विवर एक अक्ष पर घूर्णन कर सकते है, उसकी घूर्णन गति एक विशिष्ट सीमा को पार नही कर सकती है।
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| 50. | इन उच्च घूर्णन गति वाली आकाशगंगाये यह दर्शाती है कि इन आकाशगंगाओ मे गणना किये गये द्रव्यमान से ज्यादा द्रव्यमान होना चाहिये।
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