एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य से, एक प्रकार का आर्किटेक्चर न केवल एक के रूप में बढ़ रहा है लेकिन यह भी पेशे कि घेर लेना आधुनिक विकास पर्यावरण के मुद्दों के समाधान में महत्वपूर्ण बढ़ती बनने.
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अशोक वाजपेयी यों भी साहित्य-समय के सधे हुए खिलाड़ी हैं, इसलिए उन्हें प्रश् नों में घेर लेना इतना आसान नहीं होता, लेकिन राजेन्द्र यादव के अन्तर्विरोधी बयानों की हालत तो वाकई देखने लायक है.
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संपत्ति एजेंटों से मदद के साथ त्वरित बिक्री सुनिश्चित करें जब बार मुश्किल होता है, जब नकदी अपने हाथ, अपने जीवन घेर लेना और एक के बाद एक समस्या माउंट खतरा है वित्तीय कठिनाइयों पर कम है.
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हमले की योजना को इसलिए खारिज नहीं किया गया कि भारत के प्रति बहुत प्रेम उमड़ पड़ा था बल्कि चीन पहले भारत को चारो तरफ से घेर लेना चाहता था और पाकिस्तान पर तो पूरा कब्जा कर के उसे ज्यादा से ज्यादा अपना उपनिवेश बनाना चाहता था।
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हर हमले के बाद वही नेताओं के भाषण, न्यूज चैनल के रिपोर्टरों द्वारा अलग-अलग एंगल से लोगों का दर्द दिखाना, अखबार के प्रख्यात स्तंभकारों द्वारा संपादकीय लिख देना या मेरे जैसे लेखन रुचि वाले लोगों द्वारा ब्लॉग या डायरी का कुछ स्पेस घेर लेना जस का तस होता है।
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फ़ासला चिड़चिडी विशारद के बीच से होकर जाना आवृत करना प्रार्थना करना वशीभूत कर लेना किसी के स्थान पर कार्य करना ढाँक लेना हालत सुधरना हाजिरी रजिस्टर ईसाई-धर्म ओढ़ना टेढे-मेढे जाना कप्तान रक्षा करना झूम्ते चलना फैला होना लपेटने का कागज सुरक्षा राशी घेर लेना आड़ा तिरछा तरंगित होना के बीच से होकर जाना वस में लाना लच्छी बनाना
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लेकिन जब सुचरिता पढ़ने-लिखने में मन लगाती है तब हरिमोहिनी यह कहने से भी नहीं चूकतीं कि अधिक पढ़ना-लिखना लड़कियों के लिए अनावश्यक और अनिष्टकर होता हैं असल बात यह है कि जैसे भी हो वह सुचरिता को बिल् कुल अपने में घेर लेना चाहती हैं और किसी तरह वह न कर पाने से कभी सुचरिता के संगियों पर और कभी उसकी शिक्षा पर उसका दोष मढ़ती रहती हैं।
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मैंने इन सबसे अलग होना चाहा वैसे भी ये लोग अब अनैतिक कार्यौं में संलग्न होने लगे थे जैसे की किसी की जगह किसी का मकान घेर लेना, उसी समय में इन्होने जे-६४ ग्रेटर कैलाश,जे.पि.शर्मा जी के साथ मिलकर एक ओरत का मकान घेर लिया तो इन से और दिल खट्टा हो गया की ये तो बनी बनाई इज्जत खाक में मिलाने जा रहे हैं इनको समझाया भी परन्तु इन पर कोई असर नही हुआ,अत;
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*काव्य-कल्पना*:-इंजीनियरस की परेशानी मेरी बेटी है बड़ी मासूम उसकी मुस्कराहट क्या कहूँ! वो सदा पहचान जाती मेरी आहट क्या कहूँ! ******************************** एक पल भी दूर उससे रह नहीं सकती हूँ मैं ; गोद में लेते ही उसको ;मिलती राहत क्या कहूँ! ********************************* देखते ही स्नेह से चूम लेती उसको मैं ; मखमली बाँहों से उसका घेर लेना क्या कहूँ! ********************************** उसकी किलकारी मेरे कानों में अमृत घोलती ; माँ मुझे कहकर के उसका खिलखिलाना क्या कहूँ! *********************************** वो मेरी बेटी!