1851 में ओटो फंक ने लेखों की एक श्रृंखला का प्रकाशन किया जिसमें उन्होंने लाल रक्त कोशिकाओं को शुद्ध जल, अल्कोहल या ईथर जैसे घोलकों की सहायता से पतला करने के बाद प्राप्त प्रोटीन के घोल से घोलक का धीमा वाष्पीकरण करके हीमोग्लोबिन के स्फटिकों को उगाने के बारे में बताया.
42.
बीच उपचार: सोयाबीन में अभी भी अंकुरण के समय रोगों के नियंत्रण के लिए फफूँद रोग नाशक रसायन या जैविक नियंत्रण के लिए प्रोटेक्ट (ट्राइकोडर्मा विरिडि) का तथा नत्रजन स्थिरीकरण के लिए राइजोबियम कल्चर एवं स्फुर घोलक बैक्टीरिया का उपयोग बहुत ही कम किसानों द्वारा किया जा रहा है।
43.
नत्रजन स्थिरीकरण (एजोटोबैक्टर) एवं फास्फोरस घोलक (पी 0 एस 0 वी 0) कल्चर जैविक उर्वरकों का व्यापक स्तर पर उत्पादन किया जा रहा है जिनका प्रयोग प्रेसमड द्वारा निर्मित कार्बनिक खादों के ' एनरिचमेन्ट ' तथा फसलोत्पादन वृद्धि के लिये खेत में डालने हेतु प्रयुक्त किया जा रहा है
44.
आक्सीजन-वाहक प्रोटीन हीमोग्लोबिन की खोज हूनफील्ड द्वारा 1840 में की गई थी. [4] 1851 में [5] ओटो फंक ने लेखों की एक श्रृंखला का प्रकाशन किया जिसमें उन्होंने लाल रक्त कोशिकाओं को शुद्ध जल, अल्कोहल या ईथर जैसे घोलकों की सहायता से पतला करने के बाद प्राप्त प्रोटीन के घोल से घोलक का धीमा वाष्पीकरण करके हीमोग्लोबिन के स्फटिकों को उगाने के बारे में बताया.