| 41. | हे भगवन, आपके ऊपर छत्र लगाकर चँवर और पंखा झल रहा हूँ।
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| 42. | हे भगवन, आपके ऊपर छत्र लगाकर चँवर और पंखा झल रहा हूँ।
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| 43. | उनमें सुंदर चँवर लगे हैं और घंटियाँ सुंदर शब्द कर रही हैं।
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| 44. | हिम मंदार जाके पवन झकोरें, कहा भयो शिर चँवर ढुरे हो राम।
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| 45. | जाने वाला चँवर याक की ही दुम के बालों से बनाए जाते है,
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| 46. | छनन-छनन करते हीरे, जवाहरात के गहनों से सजी ललनाएँ चँवर डुला रही हैं।
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| 47. | अंग्रेज बहादुर भी आये और जाते हुये चँवर, छत्र साथ लेते गये।
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| 48. | भरत शत्रुघन चँवर ढुरावैं॥ राम के [...] व्रत जय जय आरती राम तुम्हारी।
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| 49. | छनन छनन करते हीरे जवाहरात के गहनों से सजी ललनाएँ चँवर झुला रही हैं।
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| 50. | घोड़े पर चलते थे और यजमानों के यहाँ उनके लिए छ्त्र, चँवर अनिवार्य थे।
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