उस घटना की चीरफाड़ करता है प्रेस-कांफ्रेंस होती हैं बड़े बड़े लोगों के बयान लिए जाते हैं बहस मुबहस होती हैं और यह सब किया जाता है चैनल या अख़बार का नाम और सर्कुलर बढ़ाने के लिए, या अपनी प्रभुता बनाये रखने के लिए उसके बाद कोई और चटपटी खबर मिलती है और वे सब उस और मुड़ जाते हैं और पीछे रह जाती है उस घटना का दंश झेलने वाले की सिसकियाँ और गहरा सन्नाटा ।
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वो किसी नेता की नोट लेती तस् वीर, आतंकी हमले में मरा आम आदमी, नक् सली निशाना बने पुलिसवाले, करोडों के भ्रष् टाचार में फंसा कोई अफसर / नेता, भूख से दम तोड चुका कोई इंसान, किसी गोली का शिकार कोई शेर / बाघ या हिरण, रैंप पर कैटवाक करती मॉडल के फिसल चुके कपडे, कलावतियों के घर का मखौल उडाता कोई राजकुमार, क्रिकेट के मैदान पर छक् का जडते खिलाडी हों, बालीवुड की कोई मसालेदार चटपटी खबर आदि, आदि या ऐसा ही कुछ जो बिके।