रहगड़पुरा ही नहीँ देवनगर वग़ैरा सब मेँ चमड़े का काम करने वाले रहगड़ोँ की, जिन्हेँ दलित या पिछड़े वर्गोँ मेँ गिना जाता था और है, आबादी थी, जिस मेँ मध्यम वर्गीय उच्चजातीय लोग आ कर बसते जा रहे थे.
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“यहां आप अनेक प्रकार की औद्योगिक गतिविधियां देख सकते हैं-चाहे वह इडली बनाने का काम हो, या वह मिट्टी के बर्तन बनाने का काम हो या चमड़े का काम हो, यहां तक कि हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन बनाने का काम हो।
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“यहां आप अनेक प्रकार की औद्योगिक गतिविधियां देख सकते हैं-चाहे वह इडली बनाने का काम हो, या वह मिट्टी के बर्तन बनाने का काम हो या चमड़े का काम हो, यहां तक कि हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन बनाने का काम हो।
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ऐसी धारणा है कि उत्तर भारत की बहुसंख्य चमार जाति, तमिलनाडु की चक्किलियन और आन्ध्रप्रदेश की माडिगा जाति को चमड़े का काम करने के कारण ÷ अस्पृश्य' माना गया, यद्यपि यह निर्विवाद है कि इनका अधिकांश भाग खेतों में ही काम करता चला आ रहा है।
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लियोनार्डो तकनीकी कौशल का एक विशाल रेंज के लिए किया गया है उजागर होगा और प्रारूपण जानने का अवसर था, रसायन शास्त्र, धातु विज्ञान, धातु काम, प्लास्टर कास्टिंग, चमड़े का काम कर रहे यांत्रिकी, और बढ़ईगीरी के रूप में के रूप में अच्छी तरह से ड्राइंग, पेंटिंग,
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” यहां आप अनेक प्रकार की औद्योगिक गतिविधियां देख सकते हैं-चाहे वह इडली बनाने का काम हो, या वह मिट्टी के बर्तन बनाने का काम हो या चमड़े का काम हो, यहां तक कि हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले बर्तन बनाने का काम हो।
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सरकार ने गांव में जो हैण्डपम्प लगाये थे वे हरिजन बस्ती में नहीं लगे बल्कि कुर्मी पटेलों की बस्ती में लगाये गये और उनकी बस्ती में चमड़े का काम करने वाली जाति की संज्ञा के साथ जीने वाले चर्मकार (साकेत) समुदाय को प्रवेश करने की भी इजाजत नहीं है।
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सरकार ने गांव में जो हैण्डपम्प लगाये थे वे हरिजन बस्ती में नहीं लगे बल्कि कुर्मी पटेलों की बस्ती में लगाये गये और उनकी बस्ती में चमड़े का काम करने वाली जाति की संज्ञा के साथ जीने वाले चर्मकार (साकेत) समुदाय को प्रवेष करने की भी इजाजत नहीं है।
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तमिलनाडु हस्तशिल्प कला में समृद्ध है, जिसमें हथकरघे का रेशम, धातु की मूर्तियाँ चमड़े का काम, क़लमकारी (हाथ से छपाई किए वस्त्र, जिनमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता है), ताँबा, पीतल और काँसे की वस्तुएँ, लकड़ी का काम, ताड़पत्र का काम और बेंत का सामान प्रमुख है।
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चमड़े का काम, मल मूत्र की सफाई कपड़ों की धुलाई आदि गंदे पेशे हैं ; बाल काटना, मिट्टी और धातु के बर्तन बनाना, टोकरी, सूप आदि बनाना, बिनाई, धुनाई आदि निम्न कार्य हैं ; खेती, व्यापार, पशुपालन, राजा की नौकरी मध्यम ओर विद्याध्ययन, अध्यापन, तथा शासन श्रेष्ठ कार्य हैं।