ये रसना ना होती तो हम कभी भी न जान पाते कि खट्टा, मीठा, चरपरा, कसैला आदि क्या चीज होती है।
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आक के सर्वाग में प्रायः एक प्रकार का कडुवा और चरपरा पीला राल जैसा पदार्थ पाया जाता है, और यही इसका प्रभावशाली अंश है।
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मीठा, फीका, तीखा, खट्टा, चरपरा, कसैला, कड़वा नमकीन, अर्थात कोई न कोई स्वाद तो हर वस्तु में है।
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्थापन, शोथघ्न, व्रणशोधन, कुष्ठघ्न, वामक, श्वांसहर आदि प्रधान कर्म वाले इस वृक्ष का सबसे प्रभावकारी अंश इसमें पाये जाने वाला चरपरा पीला राल होता है ।
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घेर लेता है अजब नैराश्य अपने ही हथेली पर अपनी ही ठोड़ी टेक सोचती हूँ त्वचा के बारे में जिसका तीखा चरपरा सुनहरा स्वाद रह गया है या द.
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अनसुलझे प्रश्नों के उत्तर / तरक्की और विका स... थोडा खटटा थोडा चरपरा / भृष्टाचा र... मन का आक्रोश / धर् म... छौटी छोटी खुशियां ।
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क्षारधर्मी आहार (नमकीन, खारा, तीखा तथा चरपरा) इस प्रकार हैं-आलू, साग-सब्जी, सूखे मेवे, चोकर समेत आटे की रोटी, खट्ठा मट्ठा और सलाद आदि।
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आपके पेट मे अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है, खट्टी डकार आ रही है, मुंह तक चरपरा पानी आ रहा है ।
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सरसों रस और विपाक में चरपरा, स्निग्ध, कड़वा, तीखा, गर्म, कफ तथा वातनाशक, रक्तपित्त और अग्निवर्द्धक, खुजली, कोढ़, पेट के कृमि आदि नाशक है और अनेक घरेलू नुस्खों में काम आता है।
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यह गर्म, तीक्ष्ण, भारी, पाक में मधुर, भूख बढ़ाने वाला, पाचक, चरपरा, रुचिकारक, त्रिदोष मुक्त यानी वात, पित्त और कफ नाशक होता है।