यह ऐतिहासिक सत्य है कि समाज के निचले तबके के वंचित वर्गों को मिशनरियों ने हिन्दू धर्म को उनकी इस दर्दनाक स्थिति का जिम्मेदार बताकर बड़े स्तर पर भारत में धर्मांतंरण का किया है परन्तु सैकड़ों सालों बाद भी अगर ईसाइयत में वह उससे भी बुरी स्थिति में आज है तो क्या चर्च अधिकारी इसके लिए दोषी नही है?