युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में इस प्रदेश के राजा ने उत्तम घोड़े, सोना, रत्न और याक के पूँछ के बने काले और सफ़ेद चामर भेंट किए थे।
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अनन्तर मुनिजनों ने प्रसन्नता के साथ उनको चन्द्रमा के समान स्वच्छ छत्र तथा चामर देकर तथा वन का राजा बना भेज दिया वे भी वन को चले गये ।।
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यूरप के निर्जन सुप्त भागदर्शन कर उन के रहे जागअफ्रीका बलाएँ लेता हैअमरिका सलामी देता हैन्यूजी का फाटक खुलता है वेरिंग का चामर डुलता हैरूढ़ियाँ खड़ी अकुलाती हैंसीमाएँ सिकुड़ी जाती हैं
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उसके लिये सुस्वादु व्यंजन (जो किसी अति प्रिय के लिये ही पकाए जाते थे) बनवाती है-” चामर राँधे हैं ऊजरे, ढोला हरिय मुगल धोआ दारि ।
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या भांति नारायणपुर में सेवकन सहित वासकर शरीरसुख भोगने उपरान्त वह राजा सपत्नीक देवतों की भांति दिव्य विमान में आरूढ़ होकर अप्सरागण क्षत्र चामर दिव्य अलंकार गंधादि युक्त इन्द्र के भुवन में जात भया।
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हे त्रिालोचन! जिस मनुष्य के ऊपर आपका कृपाकटाक्ष गिरता है, उसको छत्रा चामर व बहुमूल्य आभूषणों सहित पृथिवी व लक्ष्मी वरण करती है, अर्थात् आपके कृपादृमिात्रा से ही मनुष्य असामान्य वैभव-सम्प-राज्य को प्राप्त कर लेता है।
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कालिदास क्या उस सत्ता के छत्र चामर की वंदना करते हुए उनके आदेशानुसार काव्य सृजन करनेवाले कवि थे? क्या एक महान कवि सत्ता की शान भर बढ़ानेवाला अचेतन रत् न बना रह सकता है?
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इस अनुक्रम में मेरा पहला लेख 1971 में शक्तिनगर दिल्ली से प्रकािशत होनेवाली ज्योतिषीय पति्रका ` भारतीय ज्योतिष ' में प्रकािशत हुआ, जिसका शीषZक था-` चामर योग की संभावनाएं और इसका मूल्यांकण ' ।
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मशालें, छत्र, चामर, घोडे मेरे लिए किस काम के? हे भगवान मुझे इसमें क्यों फँसा रहे हो? ” तुकाराम जी की यह निर्लोभ, निरपेक्ष वृत्ति देखकर राजा शिवाजी अचंभित हुए ।
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पौराणिक कथा के अनुसार मातेश्वरी ने चामर चक्षुर, वाण्कल विड़ालक्ष एवं महाप्रतापी महिषासुर का संहार कर कुछ पल इस पर्वत शिखर पर विश्राम पर देवों को मनवांछित वर प्रदान कर माणिक द्वीप में अंतर्ध्यान हो गई थी।