वाद बिन्दु सं02:-बीमा कम्पनी द्वारा कहा गया है कि दुर्घटना के वक्त प्रष्नगत वाहन के समस्त कागजात वैध नहीं थे और चालक के पास चालन लाइसेंस नहीं था।
42.
विद्वान अधिवक्ता विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा बहस के स्तर पर यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत वाहन से सम्बंधित कागजात तथा चालक के चालन लाइसेंस अविवादित हैं।
43.
अतः इन दस्तावेजों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि कथित दिनांक, समय व स्थान पर प्रष्नगत जीप के समस्त दस्तावेज मय चालन लाइसेंस वैध एवं प्रभावी थे।
44.
इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि दुर्घटना के समय प्रश्नगत वाहन के चालक के पास प्रश्नगत प्रकार के वाहन को चलाने हेतु वैध व प्रभावी चालन लाइसेंस उपलब्ध था।
45.
इसके विपरीत विपक्षी बीमा कम्पनी की ओर से यह अभिकथन किया गया है कि दुर्घटना के समय प्रश्नगत बस के चालक के पास वैध व प्रभावी चालन लाइसेंस नहीं था।
46.
इसके विरूद्ध भी प्रतिपक्षी बीमा कम्पनी की ओर से ऐसा कोई प्रपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे प्रस्तुत छाया प्रति चालन लाइसेंस फर्जी, कूटरचित अथवा अविश्वसनीय प्रतीत होता हो।
47.
ऐसी स्थिति में यह नहीं माना जा सकता कि दुर्घटना के समय चालक के पास प्रश्नगत प्रकार के वाहन को चलाने के लिए वैध व प्रभावी चालन लाइसेंस नहीं था।
48.
प्रश्नगत वाहन के चालक नरेन्द्र सिंह के चालन लाइसेंस की छाया प्रति भी वाहन स्वामी द्वारा दाखिल की गयी है, जो दुर्घटना की तिथि व समय पर प्रभावी रही है।
49.
साथ ही उक्त वाहन के चालक घटना के दिन जमुना सिंह पटेल पुत्र कुंज बिहारी पटेल थे जिनके पास वैध चालन लाइसेंस था जिसकी प्रति प्रस्तुत किया जा रहा है।
50.
इसके समर्थन में कागज संख्या 24ग चालक राजाराम के चालन लाइसेंस की छाया प्रति कागज संख्या 24ग दाखिल की गयी है, जिसके विरूद्ध विपक्षी बीमा कम्पनी का कोई साक्ष्य नहीं है।