यह उपशामक इलाज के रूप में (जहां इलाज संभव नहीं है और उद्देश्य स्थानीय रोग नियंत्रण या रोगसूचक राहत के लिए है) या चिकित्सीय उपचार (जहां चिकित्सा उत्तरजीविता लाभ है और यह उपचारात्मक किया जा सकता है) के रूप में प्रयोग किया जाता है.
42.
पर्क्युटेनिअस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई), जिसे आमतौर पर कोरोनरी एंजियोप्लास्टी के नाम से जाना जाता है, एक चिकित्सीय उपचार प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल ह्रदय की स्टेनोटिक (संकुचित) कोरोनरी धमनियों के इलाज के लिए किया जाता है जिसे कोरोनरी ह्रदय रोग में पाया जाता है.
43.
ताकि आप चिकित्सीय उपचार के स्तर से संभावित दुष्प्रभावों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है बहुत कम मात्रा में प्रभावी होते हैं यदि आप काफी कम हैं, वहाँ अपने डॉक्टर से एक लाभ वजन आहार के साथ भूख बढ़ाने के लिए निर्धारित कर सकते हैं दवाएँ रहे हैं.
44.
के पार्किंसंस से ग्रस्त मरीजों के केवल एक छोटा सा प्रतिशत में पाया होने की संभावना है हालांकि, इस जीन की खोज की एक पूरी तरह से उपन्यास है और अब तक उपेक्षित मार्ग है जो चिकित्सीय उपचार के नए रूपों की पहचान करने के लिए रास्ते खोलता है पता चला है.
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पचास साल से कम उम्र की महिलाओं में हर महीने सोलह प्रतिशत से कम की वृद्धि दर और पचास साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में हर महीने तेरह प्रतिशत से कम की वृद्धि दर को निरंतर गैर-शल्य चिकित्सीय उपचार और क्लिनिकल अवलोकन के लिए सुरक्षित वृद्धि दर के रूप में प्रकाशित किया गया है.
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पचास साल से कम उम्र की महिलाओं में हर महीने सोलह प्रतिशत से कम की वृद्धि दर और पचास साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में हर महीने तेरह प्रतिशत से कम की वृद्धि दर को निरंतर गैर-शल्य चिकित्सीय उपचार और क्लिनिकल अवलोकन के लिए सुरक्षित वृद्धि दर के रूप में प्रकाशित किया गया है.
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रामबाबू (२ ४ अप्रैल्, २ ० १ ०) ने बड़ी नेक सलाह् दी थी (कुछ करने की पहल नहीं) कि चिकित्सीय उपचार से पहले पोषण, स्वच्छता, पर्यावरण पर ध्यान दिया जाए तो कैंसर, मधुमेह, हृदयरोग, मोटापा, कई नान-कम्यूनिकेबिल डिज़ीज़ (गैर संचारी बीमारियों) से बचा जा सकता है ।
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नैनो प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान, समुद्र-विज्ञान, बायो-टेक्नालॉजी, नई तरह के फिर से इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन, नई तरह की धातुएं, विनिर्माण और परिवहन के नये तरीके, पर्यावरण संरक्षण के नई तरीके, चिकित्सीय उपचार और रोग नियंत्रण के नये तरीके-यानि कल का विश्व वास्तव में आज के विश्व से अतुलनीय रूप से भिन्न होने जा रहा है।
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विभिन्न तरह के टैस्टों की, दवाईयों की, आप्रेशनों की सिफारिशें नये शोध के मद्देनज़र अकसर बदलती रहती हैं, ऐसे में अगर कोई समझ ले कि नेट पर सेहत के बारे में दो बातें पढ़ कर वह स्वयं कोई टैस्ट करवा लेगा और स्वयं भी अपनी तकलीफ़ का निदान और शायद चिकित्सीय उपचार भी ढूंढ ही लेगा, तो ऐसा सोचना एकदम फ़िजूल की बात है....
50.
इस कारण एन. सी. आर. में जान से मारने की नीयत का स्पष्ट उल्लेख न होने अथवा चोटहिल को चक्कर या उल्टी का तथ्य साबितन होने के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि अभियुक्तगण के विरूद्ध धारा-308 भा. द. सं. का आरोप साबित ही न हो रहा हो क्योंकि अभियुक्त के शरीर पर आयी चोटसेख्या-1,2 व 3 न केवल उसके शरीर के मार्मिक अंश पर थी बल्कि चोट संख्या-1 से चोटहिल की मृत्यु भी कारित हो सकती थी यदि उसे समय से चिकित्सीय उपचार न मिलता।