इन्हे मै ब्लागर बिरादरी को सौंपते हुए अति-प्रसन्नता का अनुभव करता हूँ. राष्ट्रप्रेम कभी भी मेरे लिये पार्ट-टाइम पसंद या चोचला नहीं रहा है और मेरा मानना है कि मुल्क से मुहब्बत किसी उत्सव और तारीख़ की मोहताज नही रहती.ब्लाँग पर जारी करने का उद्देश्य है कि आप सब इसे अपने ब्लाँग पर बेझिझक इस्तेमाल करें..स्टेशनरी पर लगाएं..स्टीकर बनाएं…पोस्टर बनाएं..दफ़्तर में लगाएं..घर पर सजाएं…कोई काँपी राइट नहीं..कोई कमर्शियल अपेक्षा नहीं ….किसी नामोल्लेख की ज़रूरत नहीं…जितनी जल्द यह सब होगा इन दो गौरव प्रसंगों की भाव-भूमि बनेगी.
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जहा तक मुझे याद है की प्रेम पर एक लम्बा चौड़ा भाषण मै पहले ही आप की एक पोस्ट पर दे चूँकि हूँ जब आप ने वेलंटाइन डे को चोचला कहा था और मैंने कहा था की जरा पत्नी को एक गुलाब तो दीजिये फिर देखिये की कि आप के लिए उसके अन्दर कितना प्रेम भरा पड़ा है, जो आप के अपना प्रेम न दिखाने के कारन संकोच में वो भी पत्नी के दिल में पड़ा पड़ा बेकार हो रहा है, क्योकि पत्निया संकोची होती है एक कदम आप के पढ़ाने पर ही बढेंगी ।