| 41. | कहकर जीतसिंह उठे और कमरे के बाहर जाकर चोबदार को हुक्म देने के बाद लौट आए।
|
| 42. | दीवान साहब को गौर से देखते हुए-पा वह चोबदार चौकन्ना हो गया और कुछ सम्हल गया।
|
| 43. | ' ' बहुत खूब '' कहकर चोबदार तो चला गया मगर इंद्रजीतसिंह कुछ तरद्दुद में पड़ गये।
|
| 44. | उस वक्त और भी बदहवासी बरसने लगी जब तेजसिंह ने एक चोबदार को हुक्म दिया कि
|
| 45. | ' ' यह सोच हरीसिंह नामी एक चोबदार को हुक्म दिया कि बहुत जल्द क्रूर को हाजिर करे।
|
| 46. | डा0सायनाइड: लगता है मैंने गलती से बादशाह अकबर की बजाय उसके चोबदार की टोपी बना दी।
|
| 47. | दूसरे दिन मैं ज्यों ही दफ्तर में पहुंचा चोबदार ने आकर कहा-महाराज साहब ने आपको याद किया है।
|
| 48. | वह ऐयार भाग गया जो चोबदार बना हुआ था, जो लोग पकड़ने गये थे वापस आ गये।
|
| 49. | आखिर तेजसिंह एकान्त में गये और वहाँ अपनी सूरत एक चोबदार की-सी बना महल की ड्योढ़ी पर पहुँचे।
|
| 50. | ' ' महाराज ने इस तरकीब को पसन्द करके दोनों ऐयारों को चोबदार के साथ जाने का हुक्म दिया।
|