बच्चों को निर्वस्त्र कर घुमाया प्री-मैट्रिक आदिवासी छात्रावास छुरा के छात्रावासी बच्चों को छात्रावास अधीक्षक सुरेंद्र सोनवानी ने गत दिवस निर्वस्त्र छात्राओं से बदसलूकी, जांच संदेह के दायरे में नगर के नयागंज वार्ड स्थित हरिजन छात्रावास में रहने वाली लगभग 50 छात्राओं से बदसलूकी व बदनीयति के अलावा छात्रावास अधीक
42.
इस योजना के तहत ऐसे दृष्टि और श्रवण बाधित छात्र को जिनके माता पिता / अभिभावक की वार्षिक आय 12000 से कम हो एवं गरीबी रेखा के नीचे आते हो, को नि:शुक्ल छात्रावासी सुविधा जिसमें वस्त्र चिकित्सा आदि सम्मिलित हैं उपलब्ध करायी जाती है दैनिक छात्रों को नि:शुक्ल शिक्षण प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है।
43.
छात्रावासी लड़कियों तथा लड़कों के बारे में कहा जाता है कि वे घर से दूर रहकर आत्मिक स्तर पर भी दूर हो जाते हैं तथा घर की जिम्मेदारी उठाने में अक्षम रहते हैं किंतु यह बात पूर्णतया सच नहीं हो सकती, क्योंकि घर से दूर रहने पर ही घर का महत्व पूरे दिलो-दिमाग से महसूस होता है।
44.
से प्रारम्भ कर इन्होंने जिस प्रकार ज्ञान मन्दिर शिक्षा संस्थान को आगे बढाया, यह इनके कुशल संगठन एंव नियोजकता का ही परिणाम था |अल्प आय में भी व्यवस्थित जीवन जीने की कला म आप सिद्धहस्त थे |बच्चों के बीच में घुल-मिल जाना आपका स्वभाव था | अपने इसी स्वाभाव के कारण वह विद्यालय के छात्रावासी छात्रों के
45.
कलेक्टर द्वारा जारी निलम्बन आदेश में उल्लेख किया गया है कि श्यामलाल अहिरवार अधीक्षक उच्च श्रेणी शिक्षक शासकीय अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास सिरोंजा जिला सागर द्वारा छात्रावासी व्यवस्था में अत्याधिक लापरवाही बरतना, हफ्ते में एक दो बार ही छात्रावास जाना, छात्रावास में गंदगी पाया जाना एवं अनुविभागीय अधिकारी के निरीक्षण के समय अनुपस्थित पाए जाने के फलस्वरूप दायित्वों के प्रति लापरवाही प्रमाणित होती है।
46.
कलेक्टर द्वारा जारी निलम्बन आदेश में उल्लेख किया गया है कि अधीक्षक उच्च श्रेणी षिक्षक षासकीय अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास सिरोंजा जिला सागर द्वारा छात्रावासी व्यवस्था में अत्याधिक लापरवाही बरतना, हफ्ते में एक दो बार ही छात्रावास जाना, छात्रावास में गंदगी पाया जाना एवं अनुविभागीय अधिकारी सागर के निरीक्षण के समय अनुपस्थित पाये जाने के फलस्वरूप पदीप दायित्वों के प्रति लापरवाही प्रमाणित होती है ।
47.
वे इसे अभी अभी ज्ञानदत्त जी द्वारा भी पिछले पोस्ट पर किए गए कमेन्ट में गढे गये नए शब्द-स्लमगाड जैसा पवित्र मान रहे हैं-ठीक वैसे ही जिस तरह मेरे विश्विद्यालयी दिनों में एक छात्रावासी मित्र अपने गाँव से आए दिन आने वाले लोगों को खीज से ग्राम्यदेवता कह कर बुलाता था! यहाँ वह भाषा की व्यंजनात्मक शक्ति की आड़ ले अपनी खिसियाहट मिटाता था!
48.
मिसेस शर्मा अपने अनुभव बताती हैं कि ' हॉस्टल' का नाम सुनते ही मेरे दिमाग में वहाँ की लड़कियों के बारे में अत्याधुनिक, फैशनपरस्त, मूडी और अपनी संस्कृति से कन्नी काटने वाली लड़कियों का ख्याल आता था इसीलिए अपनी बेटी को वहाँ भेजने के बाद हमेशा चिंतित रहती थी, किंतु अब लगता है कि छात्रावासी लड़कियों का अपना एक स्वतंत्र व्यक्तित्व होता है, जिसमें आत्मनिर्भरता, आत्मसम्मान, निर्णय क्षमता और आत्मज्ञान जैसे गुणों की बहुलता होती है।