इस बात का पता सब से पहले डॉ क़बीर ने लगाया स्वर, टेलीफो, टी वी के चित्रों और स्वर का एक जगाह से दूसरी जगह जाना सब तरंगो पर निर्भर है तरंग ही है जो यह चीजें एक जगाह से दूसरी जगाह ले जाती है और शायद तरंगो पर नियंत्रण पाने के विज्ञान में उन्हों ने बहुत प्रगति की है
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अब तो थोडी जगाह ही काफी है जीतनी ये जींदगानी बाकी है कहकहे बात पुरानी अब तो आह अब जो भी भरुं आधी है प्यार तो युं ही एक बहाना है तुमसे हारी हुई ये बाझी है तुं डूबादे या पार कर साकी मैकदेमें तुं ही तो माझी है कोई साथी ना कोई संगी है कब्र भी एक नई कहानी है
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इस बात का पता सब से पहले डॉ क़बीर ने लगाया स्वर, टेलीफो, टी वी के चित्रों और स्वर का एक जगाह से दूसरी जगह जाना सब तरंगो पर निर्भर है तरंग ही है जो यह चीजें एक जगाह से दूसरी जगाह ले जाती है और शायद तरंगो पर नियंत्रण पाने के विज्ञान में उन्हों ने बहुत प्रगति की है
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इस बात का पता सब से पहले डॉ क़बीर ने लगाया स्वर, टेलीफो, टी वी के चित्रों और स्वर का एक जगाह से दूसरी जगह जाना सब तरंगो पर निर्भर है तरंग ही है जो यह चीजें एक जगाह से दूसरी जगाह ले जाती है और शायद तरंगो पर नियंत्रण पाने के विज्ञान में उन्हों ने बहुत प्रगति की है
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इस बात का पता सब से पहले डॉ क़बीर ने लगाया स्वर, टेलीफो, टी वी के चित्रों और स्वर का एक जगाह से दूसरी जगह जाना सब तरंगो पर निर्भर है तरंग ही है जो यह चीजें एक जगाह से दूसरी जगाह ले जाती है और शायद तरंगो पर नियंत्रण पाने के विज्ञान में उन्हों ने बहुत प्रगति की है
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इस मार तालुक शोषित को दोषी ठहराने की मानसिकता के विरोध मेंहै. यह. मानसिकता पुरुषों का वर्चस्व नहीं है, यहाँ तक की शोषित महिला भी खुद को ही दोष देती है की अगर वह गॉल्ट जगाह, गॉल्ट कपड़ों में, गॉल्ट लोगो के साथ गॉल्ट समाया पर ना होती तो उसके साथ रेप जैसा हादसा नहीं होता.
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आपने एतना सुंदर लिखा है की आखो मे से पानी आ गया| मे आप को एक राय देता हू की अपना भारत हर एक राज्य की जगाह न होके हर एक राज्य खुद को राष्ट्र बनाए एसके चलते हर एक राज्य विकास करनेकी कोशिस ज़रूर करेगा अपनी राज्य की खुद ही हर चीज़ के लिए खुद ही काम करेगा ओर फिर अपने को किशी बजेट को अपने राज्य की विकास का बजेट कों सी सरकार या नेता देगा एसका आप ज़रूर विचार करना
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सई बात है लेकिन अब कुछ किया भी नही जा सकता लेकिन फिर भी भारत में मेरे जैसे बेवकूफ़ लोग है जो केला खा के छिलका जेब में डाल लेते है फिर कही कूड़े दान देखकर उसमे डाल देते है, चिप्स भी खा लेते है लेकिन उसका कवर जेब में डाल लेते है लेकिन हम जेसे बेवकूफ़ लोग १०.००० में एक ही है और मेरे जेसे लोग जब एसी जगाह पर जाते है तो कुछ जेब में फालतू का समान नही रखते जिससे पुलिस या गार्ड का समय बर्बाद हो.