जमा बीमा बैंकों द्वारा बीमा का एक रूप है, जो निवेशकों के दिवालियापन की घोषणा के मामले में बैंकों में उनकी जमा की वापसी की गारंटी कर रहे हैं अनुसार.
42.
चूंकि 2001 से निगम को कई विफल बैंको विशेषकर सहकारी क्षेत्र को देय बड़ी राशि के दावों का निपटान करना था जिससे जमा बीमा निधि (डीआइएफ) में काफी कमी आई ।
43.
यह विवरणी अलग अग्रेषण पत्र के साथ हर वर्ष निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (जमा बीमा विभाग), प्रधान कार्यालय, मुंबई में 31 अक्तूबर या उससे पहले पहुंच जानी चाहिए ।
44.
खाता खोलने के समय बीमा योजना से सम्बद्ध भारतीय जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डी.आई.सी.जी.सी.) द्वारा प्रस्तावित कुछ सीमाओं एवं शर्तों के बारे में बीमा कवर का विवरण दिया जाएगा ।
45.
जमा बीमा और ऋण गारंटी के कार्यों को समेकित करने के उद्देश्य से उपर्युक्त दोनों संगठनों (डीआइसी और सीजीसीआइ) के विलय से 15 जुलाई 1978 के निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अस्तित्व में आया ।
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जमा बीमा और ऋण गारंटी के कार्यों को समेकित करने के उद्देश्य से उपर्युक्त दोनों संगठनों (डीआइसी और सीजीसीआइ) के विलय से 15 जुलाई 1978 के निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम अस्तित्व में आया ।
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यद्यपि, वर्तमान में जमा बीमा निधि में पर्याप्त मूल निधि उपलब्ध है, यह आवश्यक है कि बैंकिंग प्रणाली के हितों की रक्षा करने के लिए दीर्घावधि में काफी अधिक मात्रा में जमा बीमा निधि का निर्माण करना होगा।
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यद्यपि, वर्तमान में जमा बीमा निधि में पर्याप्त मूल निधि उपलब्ध है, यह आवश्यक है कि बैंकिंग प्रणाली के हितों की रक्षा करने के लिए दीर्घावधि में काफी अधिक मात्रा में जमा बीमा निधि का निर्माण करना होगा।
49.
बैंक के परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता सामान्य नियमों और शर्तों के तहत जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी जमा राशि को पाने का हकदार होगा जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपये होगी.
50.
निगम को बीमाकृत बैंकों द्वारा प्रदत्त प्रीमियम के संबंध में बैंकों से यह अपेक्षित है कि वे स्वयं इसका भार वहन करें न कि जमाकर्ताओं पर डालें ताकि जमा बीमा संरक्षण लाभ का हित जमाकर्ता को नि: शुल्क प्राप्त हो सके।