०१-रूपक कथाऍं वेद एवं उपनिषद् के अर्थ समझाने के लिए लिखी गईं ०२-सृष्टि की दार्शनिक भूमिका ०३ वाराह अवतार ०४ जल-प्लावन की गाथा ०५ देवासुर संग्राम की भूमिका ०६ अमृत-मंथन कथा की सार्थकता ०७ कच्छप अवतार ०८ शिव पुराण-कथा ०९ हिरण्यकशिपु और प्रहलाद १० वामन अवतार और बलि
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श्रम का सीकर दु: ख का आँसू हँसती आँखों में सपने, जल! कितने जाल डाल मछुआरे पानी से जीवन छीनेंगे? कितने सूरज लू बरसा कर नदियों के तन-मन सोखेंगे? उन्हें स्वयम् ही पिघले हिम के जल-प्लावन में घिरना होगा फिर-फिर जल के घाट-घाट पर ठाठ-बाट तज तिरना होगा, महाप्रलय में एक नाम ही शेष रहेगा जल ….. जल...... जल ही जल ।
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०१-रूपक कथाऍं वेद एवं उपनिषद् के अर्थ समझाने के लिए लिखी गईं ०२-सृष्टि की दार्शनिक भूमिका ०३ वाराह अवतार ०४ जल-प्लावन की गाथा ०५ देवासुर संग्राम की भूमिका ०६ अमृत-मंथन कथा की सार्थकता ०७ कच्छप अवतार ०८ शिव पुराण-कथा ०९ हिरण्यकशिपु और प्रहलाद १० वामन अवतार और बलि ११ राजा, क्षत्रिय, और पृथ्वी की कथा १२ गंगावतरण-भारतीय पौराणिक इतिहास की सबसे महत्
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०१-रूपक कथाऍं वेद एवं उपनिषद् के अर्थ समझाने के लिए लिखी गईं ०२-सृष्टि की दार्शनिक भूमिका ०३ वाराह अवतार ०४ जल-प्लावन की गाथा ०५ देवासुर संग्राम की भूमिका ०६ अमृत-मंथन कथा की सार्थकता ०७ कच्छप अवतार ०८ शिव पुराण-कथा ०९ हिरण्यकशिपु और प्रहलाद १० वामन अवतार और बलि ११ राजा, क्षत्रिय, और पृथ्वी की कथा १२ गंगावतरण-भारतीय पौराणिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण कथा १३ परशुराम अवतार
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और जल-प्लावन का पूर्वज्ञान, अतुलित विस्तार से विवर्धन तथा समुद्र में नौवाहन आदि अतिमानुषिक कार्य भी सवाचर््ेच दवैीशक्ति पज्र ापति के द्वारा ही सभंव हैं महाभारत में इस कथा का जो रूप है, उसके अनसु ार चीरिणी नदी के तट पर स्नान करते हुए वैवस्वत मनुके हाथों में एक छोटा-सा मत्स्य आ जाता है और दीनतापूर्वक मनु से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करता है-भगवन्! मैं एक छोटा सा मत्स्य हूं।
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०१-रूपक कथाऍं वेद एवं उपनिषद् के अर्थ समझाने के लिए लिखी गईं ०२-सृष्टि की दार्शनिक भूमिका ०३ वाराह अवतार ०४ जल-प्लावन की गाथा ०५ देवासुर संग्राम की भूमिका ०६ अमृत-मंथन कथा की सार्थकता ०७ कच्छप अवतार ०८ शिव पुराण-कथा ०९ हिरण्यकशिपु और प्रहलाद १० वामन अवतार और बलि ११ राजा, क्षत्रिय, और पृथ्वी की कथा १२ गंगावतरण-भारतीय पौराणिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण कथा १३ परशुराम अवतार १४ त्रेता युग १५ राम कथा
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०१-रूपक कथाऍं वेद एवं उपनिषद् के अर्थ समझाने के लिए लिखी गईं ०२-सृष्टि की दार्शनिक भूमिका ०३ वाराह अवतार ०४ जल-प्लावन की गाथा ०५ देवासुर संग्राम की भूमिका ०६ अमृत-मंथन कथा की सार्थकता ०७ कच्छप अवतार ०८ शिव पुराण-कथा ०९ हिरण्यकशिपु और प्रहलाद १० वामन अवतार और बलि ११ राजा, क्षत्रिय, और पृथ्वी की कथा १२ गंगावतरण-भारतीय पौराणिक इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण कथा १३ परशुराम अवतार १४ त्रेता युग १५ राम कथा १६ कृष्ण लीला १७ कृष्ण की सोलह हजार एक सौ रानियों १८ महाभारत में, कृष्ण की धर्म शिक्षा