जस्ते की कमी मघपान, आहार के परिष्कार, कम प्रोटीन के आहार, जुकाम, गर्भावस्था और रोग के कारण हो सकती है।
42.
अफ्रीका में कोयले, पेट्रोलियम, सीसे तथा जस्ते की कमी है, किंतु हीरा, सोना, मैंगनीज, ऐल्युमीनियम, प्लैटिनम तथा राँगा प्रचुर मात्रा में प्राप्त होते हैं।
43.
रेतीली तथा चूनेयुक्त भूमि में जहाँ देशी खाद तथा ज़िंक सल्फ़ेट का प्रयोग नहीं किया गया हो वहाँ जस्ते की कमी आ जाती है।
44.
परीक्षणों और प्रदर्शनों से यह देखा गया है कि यदिमिट्टी में जस्ते वाले यौगिक प्रयोग किये जाएं तो जस्ते की कमी दूर हो जाती है.
45.
पौधों की रोपाई के १५-२० दिन बाद पुरानी पत्तियों में हल्केपीले धब्बे पड़ जाना, फसल की बढ़वार का रुक जाना जस्ते की कमी के मुख्य लक्षणहैं.
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जस्ते की कमी वाले क्षेत्रों में 2 या 3 फसलों के बाद 25 किलो ग्राम जिंक सल्फेट प्रति हेक्टर आधार खाद के साथ मिलाकर उपयोग करें।
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एडीएचडी हाथीदांत जस्ते की कमी गर्भनिरोधक खाँसी कैल्शियम बाएँ हाथ मल दूध छुड़ाने का वायु दूध कब्ज पूरक खिला साथ नवजात शिशुओं सूत्र दूध ठंडा अपच
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५ ग्राम की मिली. "पेरेडोविक", ओर "विनिमिक" किस्में, जस्ते की कमी कीदशाओं में ज्यादा प्रभावित होती है पर "अर्माकिर्की" किस्म इसकी कमी के प्रतिसहिष्णु पाई गई है.
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यह बात मिट्टी की जाँच (मृदा परीक्षण) से भी स्पष्ट हो चुकी है किदेश के विभिन्न राज्यों में जस्ते की कमी वाले अनेक क्षेत्र उत्पन्न हो चुकेहैं.
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उत्तर: जस्ते की कमी से कपास की फ़सल एक माह की होने पर नीचे की पत्तियों की शिराओं के बीच में पीले धब्बे आ जाते हैं।