| 41. | रिसते हैं मेरे सूखे हुए ज़ख्म फिर से,
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| 42. | है ज़ख्म नहीं लाज़िम दर्दों के लिये ताजा
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| 43. | तुम नया ज़ख्म लगाओ तुम्हे इससे क्या है,
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| 44. | तुम्हारे प्यार में जो ज़ख्म हमने खाए थे
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| 45. | अपने ज़ख्म सी ने भूल कर बैठा हूँ…
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| 46. | तुम्हारे नासूर बने ज़ख्म बर्दाश्त नहीं मुझे,
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| 47. | मेरे दिलके ज़ख्म गिनके क्या होगा हासिल,
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| 48. | के सँग तुझपे गिरे और ज़ख्म आये मुझे
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| 49. | ज़ख्म दिल पर छोड़ जाते है ये...
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| 50. | ज़ख्म किसी की आँख जो पुरनम नहीं है
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