5. फिर, जालीय संरचना के अंदर की अपनी सामान्य स्थिति से इक्के-दुक्के परमाणु प्रव्रजन कर अंतरालीय स्थिति में, या सतह पर पहुँचने के कारण भी, जालीय क्रम में व्यतिक्रम उत्पन्न कर सकते हैं।
42.
5. फिर, जालीय संरचना के अंदर की अपनी सामान्य स्थिति से इक्के-दुक्के परमाणु प्रव्रजन कर अंतरालीय स्थिति में, या सतह पर पहुँचने के कारण भी, जालीय क्रम में व्यतिक्रम उत्पन्न कर सकते हैं।
43.
5. फिर, जालीय संरचना के अंदर की अपनी सामान्य स्थिति से इक्के-दुक्के परमाणु प्रव्रजन कर अंतरालीय स्थिति में, या सतह पर पहुँचने के कारण भी, जालीय क्रम में व्यतिक्रम उत्पन्न कर सकते हैं।
44.
5. फिर, जालीय संरचना के अंदर की अपनी सामान्य स्थिति से इक्के-दुक्के परमाणु प्रव्रजन कर अंतरालीय स्थिति में, या सतह पर पहुँचने के कारण भी, जालीय क्रम में व्यतिक्रम उत्पन्न कर सकते हैं।
45.
५. फिर, जालीय संरचना के अंदर की अपनी सामान्य स्थिति से इक्के दुक्के परमाणु प्र्व्राजन कर अंतरालीय स्थिति में, या सतह पर पहुँचने के कारण भी, जालीय क्रम में व्यतिक्रम उत्पन्न कर सकते हैं।
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५. फिर, जालीय संरचना के अंदर की अपनी सामान्य स्थिति से इक्के दुक्के परमाणु प्र्व्राजन कर अंतरालीय स्थिति में, या सतह पर पहुँचने के कारण भी, जालीय क्रम में व्यतिक्रम उत्पन्न कर सकते हैं।
47.
इसने व्यावहारिक रूप तब धारण किया, जब प्रथम महायुद्ध के ठीक पूर्व इस बात की खोज की जा चुकी थी कि मणिभों की जालीय संरचना से एक्स किरणों का विवर्तन एक अद्वितीय ढंग से होता है।
48.
इसने व्यावहारिक रूप तब धारण किया, जब प्रथम महायुद्ध के ठीक पूर्व इस बात की खोज की जा चुकी थी कि मणिभों की जालीय संरचना से एक्स किरणों का विवर्तन एक अद्वितीय ढंग से होता है।
49.
इसने व्यावहारिक रूप तब धारण किया, जब प्रथम महायुद्ध के ठीक पूर्व इस बात की खोज की जा चुकी थी कि मणिभों की जालीय संरचना से एक्स किरणों का विवर्तन एक अद्वितीय ढंग से होता है।
50.
5. फिर, जालीय संरचना के अंदर की अपनी सामान्य स्थिति से इक्के-दुक्के परमाणु प्रव्रजन कर अंतरालीय स्थिति में, या सतह पर पहुँचने के कारण भी, जालीय क्रम में व्यतिक्रम उत्पन्न कर सकते हैं।