| 41. | मार्क्स के अनुसार द्वंद्वात्मक तर्क की विषयवस्तु ज्ञानमीमांसा अध्ययन ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में होना चाहिए।
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| 42. | किंतु ज्ञानमीमांसा की दृष्टि से यह वर्कले के आत्मगत प्रत्ययवाद के निकट पड़ता है।
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| 43. | किंतु ज्ञानमीमांसा की दृष्टि से यह वर्कले के आत्मगत प्रत्ययवाद के निकट पड़ता है।
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| 44. | ज्ञानमीमांसा में विवेचन का विषय वैयक्तिक चेतना नहीं, अपितु सामाजिक चेतना बन जाती है।
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| 45. | मार्क्स के अनुसार द्वंद्वात्मक तर्क की विषयवस्तु ज्ञानमीमांसा अध्ययन ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में होना चाहिए।
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| 46. | ज्ञानमीमांसा में विवेचन का विषय वैयक्तिक चेतना नहीं, अपितु सामाजिक चेतना बन जाती है।
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| 47. | उसने ज्ञानमीमांसा की पहले से चली आ रही परम्परा को भी अपदस्थ कर दिया। '
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| 48. | औपनिवेशिक राज्य से संघर्ष के हथियार भी औपनिवेशिक ज्ञानमीमांसा से ही निकले थे.
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| 49. | ज्ञानमीमांसा में विवेचन का विषय वैयक्तिक चेतना नहीं, अपितु सामाजिक चेतना बन जाती है।
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| 50. | इनके अतिरिक्त “दि एडवांसमेंट आव लर्निग” और “डि आगमैंटिस साइंशिएरम” ज्ञानमीमांसा पर विस्तृत रचनाएँ है।
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