| 41. | यह किला निम्न ज्वार-भाटा के दौरान देखा जा सकता है जब पानी घट जाता है।
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| 42. | ' ज्वार-भाटा ' के आवेगों में पृथ्वी की पपड़ी कई सेंटीमीटर ऊपर-नीचे उठती या गिरती है।
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| 43. | ज्वार-भाटा में किसी और ग्रह का भी असर होता होगा, पर वह नगण्य के बराबर है।
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| 44. | समुद्र के ज्वार-भाटा का कारण चंद्रमा ही है, जो लव-इमोशन्स का भी निर्धारक ग्रह है।
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| 45. | ज्वार-भाटा में किसी और ग्रह का भी असर होता होगा, पर वह नगण्य के बराबर है।
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| 46. | समुद्र मे आने वाला ज्वार-भाटा तो चन्द्रमा के प्रभाव का प्रत्यक्ष कारण विद्यमान ही है.
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| 47. | चंद्रमा मन का कारक है क्योंकि पूर्णिमा व अमावस्या के दिन समुद्र में ज्वार-भाटा आता है।
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| 48. | ज्वार-भाटा में किसी और ग्रह का भी असर होता होगा, पर वह नगण्य के बराबर है।
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| 49. | समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटा की उर्जा को उपयुक्त टर्बाइन लगाकर विद्युत में बदल दिया जाता है।
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| 50. | ज्वार-भाटा के प्रकार उच्च ज्वार-जब सूर्य, पृथ्वी तथा चन्द्र्मा एक सीध में होते हैं ।
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