गहरे रंग की धारियों वाले सफ़ेद बाघों को बंगाल टाइगर की उप-प्रजाति में बखूबी शामिल कर लिया गया है जो रॉयल बंगाल या इंडियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस टाइग्रिस या पी. टी. बेंगालेंसिस) के नाम से मशहूर है, ये गहरे रंग की धारियां कैद साइबेरियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस अल्टैका) में भी देखने को मिल सकती हैं, और हो सकता है इतिहास बन चुकी कई अन्य उपप्रजातियों में भी इनके पाए जाने की खबर हो.
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गहरे रंग की धारियों वाले सफ़ेद बाघों को बंगाल टाइगर की उप-प्रजाति में बखूबी शामिल कर लिया गया है जो रॉयल बंगाल या इंडियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस टाइग्रिस या पी. टी. बेंगालेंसिस) के नाम से मशहूर है, ये गहरे रंग की धारियां कैद साइबेरियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस अल्टैका) में भी देखने को मिल सकती हैं, और हो सकता है इतिहास बन चुकी कई अन्य उपप्रजातियों में भी इनके पाए जाने की खबर हो.
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गहरे रंग की धारियों वाले सफ़ेद बाघों को बंगाल टाइगर की उप-प्रजाति में बखूबी शामिल कर लिया गया है जो रॉयल बंगाल या इंडियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस टाइग्रिस या पी. टी. बेंगालेंसिस) के नाम से मशहूर है, ये गहरे रंग की धारियां कैद साइबेरियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस अल्टैका) में भी देखने को मिल सकती हैं, और हो सकता है इतिहास बन चुकी कई अन्य उपप्रजातियों में भी इनके पाए जाने की खबर हो.
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गहरे रंग की धारियों वाले सफ़ेद बाघों को बंगाल टाइगर की उप-प्रजाति में बखूबी शामिल कर लिया गया है जो रॉयल बंगाल या इंडियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस टाइग्रिस या पी. टी. बेंगालेंसिस) के नाम से मशहूर है, ये गहरे रंग की धारियां कैद साइबेरियन टाइगर (पैन्थेरा टाइग्रिस अल्टैका) में भी देखने को मिल सकती हैं, और हो सकता है इतिहास बन चुकी कई अन्य उपप्रजातियों में भी इनके पाए जाने की खबर हो.
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टाइगर (पेंथेरा टाइग्रिस) जो जंगल का राजा माना जाता है, यहां इस सुरक्षित वन में मुक् त भाव से घूमता है, जबकि इसके साथ ही भी यहां पाए जाते हैं-चीता (पेंथेरा पारडस), जंगली कुत्ते (क् यूऑन एल् पीनस), भूरा भेडिया (केनिस ल् यूपस), हाइना (फेलस केरा केल) और छोटी बिल्लियां यहां आप बड़ी आसानी से नील गाय और चिंकारा को घास के खुले मैदानों में घूमते हुए देख सकते हैं, विशेष रूप से किनारे की ओर।