मामले में नारायण राव के साथ क्या होगा यह तो अदालत तय करेंगी लेकिन मुझे लगता है हम चर्चाओं के आधार पर एक ऐसे गिरोह को सामने लाने में कामयाब तो हुए ही है जिनका एकमात्र काम सूचना के आधार के तहत जानकारी मांगकर लोगों को डराना-धमकाना है।
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इंटरनेट के माध्यम से तरह-तरह की योजनाएं बताकर ठगी करना, गन्दे व अशलील ई-मेल भेजना, किसी का ई-मेल हैक करना,वायरस भेजना दूसरों को डराना-धमकाना तथा आतंकवाद संबंधी गतिविधियों की सूचनाओं का गैर कानूनी आदान-प्रदान व अवैध रूप से गुप्त दस्तावेजों का हस्तान्तरण करना भी इसी कंप्यूटर माध्यम से हो रहा है।
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वोट हासिल करने के लिए नेताओं की हवा बनाने के लिए बड़े स्तर पर प्रचार हो या वोटरों को पैसे देकर ख़रीदना, शराब बाँटना, वोटरों को डराना-धमकाना, बूथों पर कब्ज़े करने हों, लोगों से धर्म-जाति के नाम पर वोट बटोरने हों-इस सबके लिए मोटे धन की ज़रूरत रहती है।
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इंटरनेट के माध्यम से तरह-तरह की योजनाएं बता कर ठगी करना, गन्दे व अश्लील ई-मेल भेजना, किसी का ई-मेल हैक करना, वायरस भेजना दूसरों को डराना-धमकाना तथा आतंकवाद संबंधी गतिविधियों की सूचनाओं का गैर कानूनी आदान-प्रदान व अवैध रूप से गुप्त दस्तावेजों का हस्तानान्तरण करना भी इसी कम्प्यूटर के माध्यम से हो रहा है।
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राहत शिविरों में पूर्ण सुरक्षा दिये जाने की जरूरत है क्योंकि शिविरों पर लगातार हमले हो रहे हैं, चाहे वह बम फेंकना हो या पानी के टैंक को जहरीला करना हो या स्थानीय दुर्गावाहिनी के महिला दस्तों द्वारा शिविर में आकर लोगों को डराना-धमकाना हो (टाइम्स ऑफ इण्डिया, 1.10.08, 3 बॉम्ब्स नियर जी उदयगिरी रिलीफ कैम्प) ।
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आशाराम के खिलाफ आरोपों में आईपीसी की धारा 342 (गलत ढंग से कैद करना), धारा 276 (2) (ऍफ़) (नाबालिग से बलात्कार), 376 डी (बलात्कार), 354 ए (महिला का शीलभंग करना), 506 (डराना-धमकाना) तथा धारा 102 (अपराध के लिए उकसाना) समेत 14 धाराएं लगाई गयी हैं.
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अदालत ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 201 (सबूतों को नष्ट करना), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (साजिश संबंधी), 506 (आपराधिक तरीके से डराना-धमकाना) तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी आरोप तय करने का आदेश दिया जाता है।
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जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत यथा मतदाताओं को प्रलोभन, मतदाता को डराना-धमकाना, शराब वितरण एवं संग्रहण, अवैध रकम संग्रहण अथवा व्यय करना अथवा अन्य कोई भी शिकायत जो चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के रूप में हो, उसे दूरभाष संख्या 0 294-2414620, 2410431, 2410244 एवं टोल फ्री नम्बर 1800-6450 पर दर्ज कराई जा सकती है।
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यह मुक़दमा समाचार चैनल आईबीएन-7 के ब्यूरो प्रमुख शलभ मणि त्रिपाठी ने राजधानी लखनऊ के हजरतगंज थाने में अपर पुलिस अधीक्षक बी पी अशोक और क्षेत्राधिकारी अनूप कुमार के ख़िलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 342 (अवैध तरीक़े से बंधक बनाना), 504 (जानबूझ कर अपमान करना) और 506 (डराना-धमकाना) के तहत दर्ज कराया.
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पहले श्रीसांत, चौहान,चण्डीला, बिंदु औए अब बिंद्रा,शिल्पा ऐसा लगता है बी.सी.सी.आई फ्राड कम्पनी साबित होती जा रही है,इसकी कार्यगुजारी से तन्ग आकर सहारा का नाता तोड़ना यही साबित करता है| इसके पूर्व अध्यक्ष,वर्तमान अध्यक्ष साथ ही पूरी कार्यकारिणी के सदस्यों की जांच हो तो कई चौकाने वाले घोटाले सामने आ जायेंगे|नेताओं को बचाया जा रहा है,राजीव शुक्ला,शरद पवार,अरुण जेटली इन नेताओं की इस खेल में दिलचस्पी लेना,पूर्व खिलाडियों को नजरअंदाज करना,उन्हें डराना-धमकाना वर्तमान खिलाडियों को अपनी मर्जी थोपना,अपनी मर्जी के खिलाडी टीम में रखना,इन सबकी जांच होनी चाहिये|